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भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने जिले की झालावाड़ चौकी में तैनात एएसपी जगराम मीणा को देर रात शिवदासपुरा टोल प्लाजा के पास पकडा

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने जिले की झालावाड़ चौकी में तैनात एएसपी जगराम मीणा को शुक्रवार देर रात शिवदासपुरा टोल प्लाजा के पास पकड़ आकस्मिक चैकिंग के दौरान 9 लाख 35 हजार रुपए जब्त किए। एसीबी ने घर की तलाशी ली तो वहां से 39.50 लाख रुपए मिले। रकम इतनी ज्यादा थी कि एसीबी को नोट गिनने की मशीन मंगानी पड़ी। पुलिस को जगराम के घर से करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज और महंगी शराब की 85 बोतलें मिली हैं।
एसीबी ने एएसपी जगराम को देर रात पूछताछ के बाद छोड़ दिया। एसीबी ने जगराम का मोबाइल जब्त कर लिया। अब एसीबी एएसपी जगराम के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज कर जांच करेगी।
उधर, एसीबी डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने जगराम को एसीबी से कार्यमुक्त कर दिया है। एसीबी ने जानकारी जुटाई तो पता चला कि जगराम मीणा की छवि आमजन व राज्य सरकार के अन्य विभागों में भी सही नहीं है। जगराम ने झालावाड़ जिले के अलग-अलग विभागों में कार्मिकों को सुविधा शुल्क के नाम पर भ्रष्टाचार की खुली छुट दे रखी थी। उन्हें डरा-धमका मंथली सुविधा शुल्क बांध रखा था। जगराम अपने खास अधिकारियों को कह चुका था कि भ्रष्टाचार खुलकर करो बस सुविधा शुल्क बढ़ा दो।
ट्रैप के बाद सतर्क हुआ, पर लालच नहीं छोड़ा
एएसपी सुरेन्द्र शर्मा के ट्रैप होने के बाद वह सतर्क हो गया। लेकिन उसने रिश्वत का खेल जारी रखा। शुक्रवार को एसीबी को सूचना मिली कि वह सरकारी कार्यालयों के अधिकारी और कर्मचारियों से मोटी राशि प्राप्त कर कार से झालावाड़ से जयपुर आ रहा है। डीआइजी राजेश सिंह के सुपरविजन में एसीबी अधिकारियों ने उसे बरखेड़ा टोल प्लाजा के पास पकड़ लिया। कागज में लिपटी हुई 500-500 की गड़्डियां 9 लाख 35 हजार रुपए जब्त कर लिए।
पहले भी लाया था रिश्वत की रकम
जगराम प्रत्येक शुक्रवार निजी कार से आता था। आने से पहले झालावाड़ में मासिक बंधी व सुविधा शुल्क सरकारी कार्यालयों से प्राप्त कर कार में रख लेता था। एसीबी ने जानकारी जुटाने के बाद उस पर नजर रखनी शुरू की। एसीबी दो महीने से एएसपी की निगरानी कर रही थी। जगराम एक बार पहले भी राशि लेकर जयपुर आ रहा था, लेकिन एसीबी जाल में फंस नहीं पाया।

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