
एक्सक्लूसिव ब्रेकिंग न्यूज़: यूपी विधानसभा चुनाव 2027 में बीजेपी का बड़ा दांव, 100 विधायकों के टिकट कटने की तैयारी, 80 सीटों पर नए चेहरे!
एक्सक्लूसिव ब्रेकिंग न्यूज़: यूपी विधानसभा चुनाव 2027 में बीजेपी का बड़ा दांव, 100 विधायकों के टिकट कटने की तैयारी, 80 सीटों पर नए चेहरे!
लखनऊ, 16 अगस्त 2025: उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनावों को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी रणनीति को और मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर बदलाव की योजना बनाई है। सूत्रों के हवाले से मिली exclusive खबर के अनुसार, बीजेपी करीब 100 मौजूदा विधायकों के टिकट काटने की तैयारी में है। इसके साथ ही, पार्टी 70 से 80 सीटों पर नए चेहरों को मैदान में उतार सकती है, ताकि जनता के बीच ताजगी और विश्वास को बढ़ाया जा सके।
हैट्रिक की तैयारी में बीजेपी
पार्टी सूत्रों का कहना है कि बीजेपी उत्तर प्रदेश में लगातार तीसरी बार (हैट्रिक) सत्ता हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। हाल के लोकसभा चुनावों में मिली चुनौतियों और जनता की नाराजगी को देखते हुए पार्टी नेतृत्व ने कड़ा रुख अपनाया है। बीजेपी ने अपने विधायकों का आंतरिक मूल्यांकन शुरू कर दिया है, जिसमें विधायकों को तीन श्रेणियों—ए, बी और सी—में बांटा जा रहा है। श्रेणी सी में आने वाले विधायकों, जिनका प्रदर्शन कमजोर है या जिनकी छवि नकारात्मक है, उनके टिकट कटने की संभावना सबसे अधिक है।
क्यों हो रहा है बड़ा फेरबदल?
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि जनता के बीच विधायकों के प्रति बढ़ती नाराजगी और स्थानीय स्तर पर उनकी निष्क्रियता की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। इसके अलावा, अवैध खनन और अनुबंधों में अनियमितताओं जैसे गंभीर आरोपों ने भी बीजेपी की छवि को नुकसान पहुंचाया है। हाल ही में झांसी में बीजेपी विधायक के समर्थकों द्वारा एक ट्रेन यात्री पर हमले की घटना ने पार्टी को और सतर्क कर दिया है।
2024 लोकसभा चुनावों से सबक
2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को उत्तर प्रदेश में बड़ा झटका लगा था, जब उसकी सीटें 62 से घटकर 33 रह गईं। इस हार ने पार्टी को आत्ममंथन के लिए मजबूर किया है। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ मिलकर बीजेपी ने 2027 में सत्ता में वापसी को सुनिश्चित करने का एकमात्र लक्ष्य रखा है। इसके लिए पार्टी पुराने चेहरों को हटाकर नए और ऊर्जावान उम्मीदवारों को मौका देना चाहती है।
जातिगत समीकरण और गठबंधन की रणनीति
2027 के चुनावों में बीजेपी को सपा-कांग्रेस के इंडिया गठबंधन से कड़ी चुनौती मिलने की उम्मीद है। ऐसे में पार्टी जातिगत समीकरणों को साधने और गठबंधन सहयोगियों जैसे राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के साथ समन्वय पर भी ध्यान दे रही है। इसके लिए जिला स्तर पर तीन नामों के पैनल तैयार किए जाएंगे, जिनमें स्थानीय नेताओं, सांसदों और क्षेत्रीय नेतृत्व की सलाह ली जाएगी।
योगी का सख्त संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कर दिया है कि जीत ही एकमात्र मापदंड है। पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को यह संदेश दिया गया है कि जो भी सत्ता में वापसी के मिशन में बाधा बनेगा, उसे दरकिनार कर दिया जाएगा। बीजेपी की इस रणनीति को राजनीतिक विश्लेषक एक साहसिक कदम मान रहे हैं, जो पार्टी को नई ऊर्जा दे सकता है, लेकिन यह विधायकों के बीच बेचैनी भी पैदा कर रहा है।
क्या कहते हैं जानकार?
राजनीतिक विश्लेषक राजेंद्र कुमार का कहना है, "बीजेपी का यह कदम दर्शाता है कि वह मतदाताओं की नब्ज को समझ रही है। पुराने चेहरों को हटाकर नए उम्मीदवार लाना और जातिगत समीकरणों को साधना 2027 में बीजेपी की जीत की राह आसान कर सकता है।"