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प्रवासी मजदूरों के लिए शिवराज सरकार ने शुरू की श्रम सिद्धि योजना


मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश में प्रवासी मजदूरों के लिए ऐतिहासिक योजना की शुरुआत की गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वल्लभ भवन में इस योजना का आगाज किया। योजना का नाम श्रम सिद्धि योजना रखा गया है। इस योजना के अंतर्गत ऐसे प्रवासी मजदूर जो मध्य प्रदेश से बाहर के राज्यों से घर लौटे हैं उन्हें भी मनरेगा के जॉब कार्ड दिए जाएंगे। 

मंत्रालय में हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिवराज सिंह चौहान ने सभी सरपंचों को ऐसे मजदूरों के जॉब कार्ड बनाने के निर्देश जारी किए। जॉब कार्ड बनाने के लिए डोर टू डोर सर्वे किया जाएगा। स्किल्ड और अनस्किल्ड मजदूर अलग-अलग केटेगरी में किए जाएंगे, जिन्हें उनकी स्किल के हिसाब से काम मिलेगा। शिवराज सिंह चौहान ने जानकारी दी कि अप्रैल से मई महीने के बीच में सरकार ने 1111 करोड़ रुपए मनरेगा के तहत खर्च किए हैं. जिसमें से 700 करोड रुपए सिर्फ मनरेगा की मजदूरी के लिए बांटे गए हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी धन्यवाद दिया कि उन्होंने मनरेगा के तहत दी जाने वाली राशि में बढ़ोतरी कर दी है।

शिवराज सिंह चौहान ने जानकारी दी कि करीब 23 हजार से ज्यादा पंचायतों में लगभग 21 लाख मजदूरों को मनरेगा के तहत मजदूरी दी गई है। श्रम सिद्धि अभियान के तहत अब नए मजदूरों के जॉब कार्ड भी बनाए जाएंगे। इतना ही नहीं उन्होंने ऐलान किया कि प्रवासी मजदूरों को संबल योजना में भी शामिल किया जाएगा। इस योजना के तहत हितग्राहियों के बच्चों की पढ़ाई, बेटी की शादी, बिजली, रोजगार और अंतिम संस्कार तक का खर्च भी सरकार उठाती है।

शिवराज सिंह ने ऐलान किया कि अगर किसी मजदूर या गरीब ने प्राइवेट कर्ज लिया है तो ऐसे में गुंडागर्दी से कर्ज वसूलने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, इसे लेकर भी जल्द कानून बनेगा। उन्होंने गेहूं की 110 लाख मिट्रिक टन की रिकॉर्ड खरीद की भी जानकारी साझा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी जी ने दुनिया को प्रेरणा दी है कि कोरोना से लड़ाई किस तरह से जीती जा सकती है। उन्हीं की दूरदृष्टि का परिणाम है कि कोरोना को लेकर सही कदम सही समय पर उठाए गए।

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