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प्रवासी मजदूरों की हो समुचित व्यवस्थाः योगी आदित्यनाथ - सीएम ने वीडियो कांफ्रेंसिंग माध्यम से जिलाधिकारी व नोडल अधिकारियों को दिए निर्देश

संत रविदासनगर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 संक्रमण के दृष्टिगत वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समस्त जिलाधिकारियों एवं नोडल अधिकारियों से प्रदेश की स्थिति की अद्यतन जानकारी प्राप्त की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सजगता, सतर्कता व सक्रियता से ही कोरोना संक्रमण पर विजय मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने क्वारन्टीन सेंटर में ही प्रत्येक कामगार की स्किल मैपिंग करने के निर्देश देते हुए कहा है कि होम क्वारन्टीन के दौरान प्रत्येक श्रमिक की निगरानी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने प्रत्येक स्तर पर निगरानी समितियों को गठित करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा कि अभी तक 18 लाख कामगारों का डाटा उपलब्ध हो चुका है। इसी प्रकार, सभी कामगारों का डाटा उपलब्ध कराए जाने के प्रयास किए जाएं। 01 जून, 2020 से चलाई जाने वाली स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से जो भी लोग आएंगे, उनके साथ भी प्रोटोकाॅल के अनुसार कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि 01 जून, 2020 से खाद्यान्न वितरण पुनः प्रारम्भ होगा, इसके दृष्टिगत सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं। प्रत्येक कोटे की दुकान में नोडल अधिकारी की देख-रेख में खाद्यान्न वितरण करवाए जाएं। सभी जरूरतमन्दों के राशन कार्ड बनाए जाएं। साथ ही खाद्यान्न वितरण के समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए खाद्यान्न वितरण किया जाए। किसी भी हाल में भीड़ एकत्रित न होने पाए। घटतौली या अन्य किसी प्रकार की अव्यवस्था के सम्बन्ध में कोई शिकायत न मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाॅकडाउन का चौथा चरण अन्तिम पायदान पर है। उत्तर प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण को नियंत्रित करने के सम्बन्ध में अच्छा कार्य हुआ है, जिसे देश-दुनिया में सराहा गया है। कोरोना से जंग में जनता का पूरा सहयोग लिया जाए। कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत लागू किए गए लाॅकडाउन में तीन प्रमुख चुनौतियां- मेडिकल इंफेक्शन, मण्डी व बाजार तथा श्रमिक/कामगार हैं। अतः संक्रमण को फैलने से रोकने के सम्बन्ध में इन सभी चुनौतियों के प्रति सतर्क रहते हुए सावधानी बरतनी होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कामगार/श्रमिकों की सकुशल वापसी के लिए प्रतिबद्ध है। मई के अन्त तक लगभग 30 लाख श्रमिक/कामगार प्रदेश में आ जाएंगे। उन्होंने कहा है कि क्वारन्टीन सेंटर में पौष्टिक भोजन, पेयजल तथा सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा है कि मेडिकल स्क्रीनिंग में जो स्वस्थ मिलें, उन्हें होम क्वारन्टीन ले जाया जाए तथा उन्हें 1000 रुपये भरण-पोषण भत्ता तथा राशन किट दिया जाए। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग से जुड़े एडिशनल डायरेक्टर, ज्वाइण्ट डायरेक्टर को प्रत्येक जनपद में भेजा गया है। उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित टीमें आपस में समन्वय स्थापित कर कार्य करें। कोरोना से निपटने के लिए सभी जनपदों में स्थापित एल-1, एल-2 तथा एल-3 स्तर के कोविड अस्पताल सुचारू रूप से कार्य करें। इसी प्रकार, नाॅन कोविड हाॅस्पिटल अन्य गम्भीर मरीजों को इलाज मुहैया कराएं। साफ-सफाई तथा अन्य व्यवस्थाएं चुस्त-दुरुस्त हों। अस्पतालों में विद्युत आपूर्ति सुचारू रूप से मिलती रहे और मरीजों के कमरों में पंखे चलते रहे, बेडशीट प्रतिदिन बदली जाए।
योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि इमरजेंसी स्वास्थ्य सेवाओं को आरंभ करने के निर्देश पूर्व में दिए जा चुके हैं। अगर कहीं पर यह इमरजेंसी स्वास्थ्य सेवाएं आरंभ न हुई हों, तो उन्हें तत्काल प्रारम्भ किया जाए। कोरोना से जंग में मेडिकल टीम अत्यंत महत्वपूर्ण है, उन्हें प्रोत्साहित किया जाए। मेडिकल इंफेक्शन को प्रत्येक दशा में रोका जाए। मेडिकल टीम और निगरानी समितियों के साथ निरन्तर संवाद बनाते हुए उन्हें सक्रिय रखा जाए। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कार्यरत अन्य राज्यों के जनपदों के कामगार/श्रमिक, जो अपने गृह जनपद जाने के इच्छुक हैं, उनकी सूची अपर मुख्य सचिव गृह को उपलब्ध करा दी जाए। उत्तर प्रदेश में अन्य राज्यों से अपने गृह जनपद आने वाले श्रमिक के पास यदि होम क्वारन्टीन की व्यवस्था न हो, तो उसे क्वारन्टीन सेंटरों पर ही रखा जाए। क्वारन्टीन सेंटरों की लगातार माॅनीटरिंग की जाए और कोविड-19 संबंधी प्रोटोकाॅल का ध्यान रखा जाए। कहा कि बड़ी संख्या में विभिन्न राज्यों से अपने प्रदेश वापस लौटने वाले लोगों के प्रति अच्छा व्यवहार करते हुए, उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए। राजस्व, भूमि, पारिवारिक विवादों पर ध्यान देते हुए व्यवस्थित तरीके से कार्य किया जाए।

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