आज 18से 20वर्षो से अपनी सेवा दे रहे शिक्षामित्रो की दशा जिनका हाल पूछने वाला कोई नही है इस महगाई मे श्रमिकों से भी कम म
आज 18से 20वर्षो से अपनी सेवा दे रहे शिक्षामित्रो की दशा जिनका हाल पूछने वाला कोई नही है इस महगाई मे श्रमिकों से भी कम मानदेय 10000/ माह परिवार को चलाना मुश्किल है 6000से भी ज्यादा शिक्षामित्रो ने आत्म हत्या व ब्रेन हेमरेज हार्ट अटैक से अपनी जान दे चुके हैं और योग्यता का गलत तरीके से ठप्पा लगा कर इनकी नौकरी छीन ली गई जो गरीब घरों के थे उनके परिवार पर क्या बीत रही होगी कभी इन राजनेताओ ने सोचा सिर्फ़ कोरा अस्वासन दिया गया क्या इंटर के बाद स्नातक करके डी-बी. टी. सी. करने के बाद समायोजन हुआ था कोई समायोजित शिक्षामित्र बिना स्नातक स्तर का नही था जिसका समायोजन हुआ था लेकिन राजनीति के शिकार हो गये ये सब इनका जीवन ही बर्बाद कर दिया गया क्या दोष इनका था या सरकार का इस समाज को सोचना चाहिए 40से 50वर्षों टेट की परीक्षा पास कर रहे हैं इसी* प्रदेश में ऐसे भी शिक्षक है जिनकी सभी डिग्रियाँ फर्जी है और कोर्ट ऐसे लोगों को बहाल कर नौकरी दे दी गई 20000 शिक्षक ऐसे भी है जो RT- एक्ट लागू हो जाने के बाद बिना टेट( शिक्षक पात्रता परीक्षा) पास किये नौकरी कर रहे है फिर शिक्षामित्रो के साथ सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है इन राजनेताओ को सोचना चाहिए|
बहुत अच्छा