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कजलियां पर्व मनाने की कथा और महत्व

रक्षाबंधन के दूसरे दिन मनाए जाने वाले कजलियां, पर्व जिसे भुजरिया नाम से भी जाना है, इस बार 4 अगस्त को धूमधाम से मनाया जाएगा। कजलियां प्रकृति का पर्व है।

बुंदेलखंड की संस्कृत भी अपने आप में निरालीऔर पुरातनकालीन है। इसकी मान्यताएं जितनी धार्मिक हैं, उतनी ही सामाजिक और वैज्ञानिक भी। कजलियां पर्व प्रकृति प्रेम और खुशहाली से जुड़ा है। इसका प्रचलन राजा आल्हा ऊदल के समय से है। आल्हा की बहन चंदा श्रावण माह से ससुराल से मायके आई तो सारे नगरवासियोंं ने कजलियों से उनका स्वागत किया था।

ये कथा भी प्रचलित है

महोबा के सिंह सपूतों आल्हा-ऊदल-मलखान की वीरता आज भी उनके वीर रस से परिपूर्ण गाथाएँ बुंदेलखंड की धरती पर बड़े चाव से सुनी व समझी जाती हैं। महोबा के राजा परमाल, उनकी बिटिया राजकुमारी चन्द्रावली का अपहरण करने के लिए दिल्ली के राजा पृथ्वीराज ने महोबा पर चढ़ाई कर दी थी। राजकुमारी उस समय तालाब में कजली सिराने अपनी सखी.सहेलियों के साथ गई थी। 

पृथ्वीराज राजकुमारी को हाथ न लगाने पाए, इसके लिए राज्य के वीर बाँकुर (महोबा) के सिंह सपूतों आल्हा-ऊदल-मलखान ने वीरतापूर्ण पराक्रम दिखाया था। इन दो वीरों के साथ में चन्द्रावली का ममेरे भाई अभई भी उरई से जा पहुँचे। कीरत सागर ताल के पास में होने वाली ये लड़ाई में अभई वीरगति को प्यारा हुआ। इस लड़ाई में राजा परमाल का एक बेटा रंजीत शहीद हुआ। बाद में आल्हा, ऊदल, लाखन, ताल्हन, सैयद राजा परमाल का लड़का ब्रह्मा, जैसें वीर ने पृथ्वीराज की सेना को वहां से हरा के भगा दिया। महोबा की जीत के बाद से राजकुमारी चन्द्रवली और सभी लोग अपनी-अपनी कजिलयन को खोंटने लगी। इस घटना के बाद सें महोबा के साथ पूरे बुन्देलखण्ड में कजलियां का त्योहार विजयोत्सव के रूप में मनाया जाने लगा है।

नागपंचमी के दिन घरों में परम्परा के अनुसार गेहूं के दाने बोए जाते हैं। रक्षाबंधन के दूसरे दिन कजलियों के साथ लोग एक-दूसरे के घर जाते हैं।

सिवनी में दलसागर, बुधवारी तालाब, मठ तालाब, बबरिया तालाब और बैनगंगा नदी में महिलाओं का समूह सम्मान के साथ सिर पर कजलियां लिए हुए पहुंचता है।


                                                             संकलन
                                                            पिंकी उपाध्याय

                                                            सिवनी( मध्यप्रदेश)


                                                       

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