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प्रेस विज्ञप्ति 1. पशु चिकित्सकों ने NPA की मांग को लेकर आरंभ किया राज्यव्यापी सामूहिक अवकाश। 2. पशुपालन मंत्री लालचन्

पशु चिकित्सकों ने NPA की मांग को लेकर आरंभ किया राज्यव्यापी सामूहिक अवकाश।

पशुपालन मंत्री लालचन्द कटारिया ने 40 दिन के आमरण अनशन के बाद पशु चिकित्सकों को दिया था NPA का आश्वासन।

प्रदेश भर के पशु चिकित्सक NPA की मांग को लेकर आज प्रत्येक जिला मुख्यालय पर एक दिवसीय सामूहिक अवकाश के साथ कर रहे विरोध प्रदर्शन

वैटरनरी डाॅक्टर्स एसोसिएशन एवं पशु चिकित्सक संघ ने संयुक्त आह्वान कर सरकार को सोमवार दिनांक 18 सितम्बर 2023 से अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश एवं हड़ताल पर जाने की दी चेतावनी।

पशु चिकित्सकों के साथ कामधेनु बीमा योजना कार्डधारक पशुपालकों, गौसेवा समिति के पदाधिकारियों, गोपालकों एवं हितधारकों ने भी विरोध प्रदर्शन में लिया भाग।

11-सूत्रीय मांगों के क्रम में वेटरनरी डाॅक्टर्स एसोसिएशन राजस्थान के आह्वान पर पशु चिकित्सकों ने दिनांक 17 दिसम्बर 2022 से आमरण अनशन आरम्भ किया था। आमरण अनशन के दौरान 10 पशुचिकित्सक एसएमएस अस्पताल, जयपुर में भर्ती हुए। 40 दिवस तक चले अनशन को माननीय मंत्री पशुपालन विभाग श्रीमान् लालचंद कटारिया जी द्वारा दिनांक 26 जनवरी 2023 को अनशनरत पशु चिकित्सकों को जूस पिलाकर समाप्त करवाया गया था।

कटारिया जी ने धरना स्थल पर मीडिया को संबोधित करते हुए पशु चिकित्सकों की सभी मांगों को न्यायोचित स्वीकारते हुए शीघ्र समाधान हेतु आश्वासन दिया था। मांगों के क्रम में एसोसिएशन के प्रतिनिधि मण्डल से वित्त विभाग से निरन्तर वार्ता हुई। अनेक दौर की वार्ता उपरान्त अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्त विभाग द्वारा नाॅन प्रेक्टिस अलाउंस (NPA) पर सहमति दर्शाते हुए कामधेनु पशु बीमा योजना शुभारम्भ तक NPA की स्वीकृति जारी करने हेतु ठोस आश्वासन दिया गया था। किन्तु मिशन मोड पर कार्य कर कामधेनु बीमा योजना सफल करने वाले पशु चिकित्सकों को अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त विभाग के ठोस आश्वासन के बावजूद भी कुछ प्राप्त नहीं हुआ।

पशुचिकित्सक वर्षों से नाॅन प्रेक्टिस अलाउंस (NPA) की मांग निम्नलिखित तथ्यों के आधार पर कर रहे हैं:-
1. योग्यता एवं कार्य प्रकार के आधार पर पांचवा, छटवां एवं सातवां केन्द्रीय वेतन आयोग की (NPA) हेतु स्पष्ट सिफारिश।
2. केन्द्र शासित राज्यों समेत 17 अन्य भारतीय राज्यों में पशु चिकित्सकों को NPA दिया जा रहा है।
3. माननीय दिल्ली हाईकोर्ट तथा माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पशु चिकित्सकों की मानव चिकित्सकों के समकक्ष वेतन व भत्तों हेतु PARITY (समकक्षता) स्थापित की गई है।
4. पशु चिकित्सकों के अथक प्रयासों से राज्य आज दुग्ध उत्पादन में देश मे प्रथम स्थान पर है।
5. राज्य की जीडीपी में पशुपालन सेक्टर का 12 प्रतिशत योगदान हैं।
6. लम्पी के दौरान पशु चिकित्सकों ने दिन-रात काम कर राज्य को लम्पी मुक्त किया तथा 1 करोड़ 7 लाख पशुओं को लम्पी टीकाकरण किया गया।
7. मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना अन्तर्गत 138 प्रकार की दवाईयां व उपचार निःशुल्क कर दिया गया है जिस कारण निजी प्रेक्टिस संभव नहीं है।

पशु चिकित्सक, सर्जरी, कृत्रिम गर्भाधान, बांझपन निवारण शिविर आयोजन, टीकाकरण के साथ असंख्य योजनाओं का लाभ स्वयं के वाहनों से पशु पालको के द्वार तक देने के साथ पशु चिकित्सक एक अन्य विभाग गौपालन के सम्पूर्ण दायित्व निभा रहे है। उल्लेखनीय है कि गौपालन विभाग के निदेशक एवं मंत्री, पशुपालन विभाग से अलग है।

राज्य सरकार द्वारा ’’मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना’’ अन्तर्गत 80 लाख पशुओं का पशुपालक के द्वार तक जाकर निःशुल्क बीमा करने हेतु 750 करोड़ रूपये का प्रावधान रखा गया है। उल्लेखनीय है कि मंहगाई राहत केम्प में 1.10 करोड़ पशुपालकों को पशु बीमा गारण्टी कार्ड वितरित किये गये है। सरकार की हठधर्मिता के कारण अब यह योजना राज्य के पशुपालकों के साथ छलावा सिद्ध होने वाली है। बिना NPA स्वीकृत किये पशु चिकित्सकों द्वारा कामधेनु पशु बीमा योजना की क्रियान्विति सम्भव नहीं है, जिसकी सूचना एसोसिएशन द्वारा दिनांक 15 जून 2023 को माननीय मुख्यमंत्री एवं मंत्री पशुपालन विभाग को दे दी गई थी।

मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना जिसके अन्तर्गत 1.10 करोड़ परिवारो को मुख्यमंत्री गारण्टी कार्ड वितरित हुए है एवं प्रदेश की 2557 रजिस्टर्ड गौशालाओं में संधारित 13 लाख गौमाताओं के चारे-पानी की व्यवस्था हेतु मिलने वाली अनुदान राशि हेतु भौतिक सत्यापन के कार्य का बहिष्कार कर रहे पशु चिकित्सकों द्वारा दिनांक 16.09.2023 को वेटरनरी डाॅक्टर्स एसोसिएशन राजस्थान एवं पशु चिकित्सक संघ के संयुक्त आह्वान पर सामुहिक अवकाश पर जाकर सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार एवं एक दिवसीय आक्रोश प्रदर्शन का आयोजन समस्त जिला मुख्यालयों पर करने का निर्णय लिया गया है। जिसमें पशु चिकित्सकों के साथ प्रत्येक जिले के कामधेनु पशु बीमा योजना गारण्टी कार्डधारक पशुपालक, प्रगतिशील पशुपालक, हितधारक, गौशाला संचालक, गौसेवा संघ/समिति पदाधिकारी, दुग्ध उत्पादन (डेयरी) संघ/समिति पदाधिकारी व सदस्यों द्वारा भाग लिया जायेंगा। राज्य सरकार द्वारा नाॅन प्रेक्टिस अलाउन्स (NPA) के आदेश पारित होने तक दिनांक 18.09.2023 से पशुपालन विभाग के प्रत्येक अधिकारी वर्ग द्वारा अनिश्चितकालीन सामुहिक अवकाश एवं सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया हैं।

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