क्या कर्म हैं क्या ये मजबूरी हैं क़ैसा ये फ़साना हैं ! हम उसी से दूर हो जाते हैं ,जिसके लिए कमाना हैं!!
क्या कर्म हैं क्या ये मजबूरी हैं क़ैसा ये फ़साना हैं !हम उसी से दूर हो जाते हैं ,जिसके लिए कमाना हैं!!