
थांदला महाविद्यालय में किशोरावस्था में शारीरिक- मानसिक व भावनात्मक बदलाव व समस्या पर जानकारी छात्र और छात्र को दी गई
थांदला महाविद्यालय में किशोरावस्था में शारीरिक- मानसिक व भावनात्मक बदलाव व समस्या पर जानकारी छात्र और छात्र को दी गई
आदिवासी अंचल में स्वास्थ्य संबंधी भ्रांतियां बहुत अधिक है, अंधविश्वास व सही जानकारी नहीं होने के कारण बालक, किशोर – किशोरियां, युवाआदि कई जघन्य रोगों से व्यस्त हो जाते हैं तथा उचित परामर्श व चिकित्सा के अभाव में दुख- तकलीफ सहते हुए असमय काल कवलित हो जाते हैं उक्त विचार महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना एवं रेड रिबन क्लब के सौजन्य से राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम उमंग स्वास्थ्य केंद्र सिविल अस्पताल थांदला के तत्वावधान में एड्स दिवस के उपलक्ष में आयोजित कार्यशाला में डॉ. शैलेश बारिया ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किये । उन्होंने सिकल सेल एनीमिया की विस्तृत जानकारी देते हुए इसके कारण, लक्षण व उपचार बताते हुए विवाह योग्य युवाओं को सिकल सेल परीक्षण करने की सलाह दी ताकि आने वाली पीढ़ी में इस रोग की रोकथाम कुछ हद तक की जा सके। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए डॉ पीटर डोडियार ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन महाविद्यालय में होने से विद्यार्थी के माध्यम से उनके परिवार व ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता आएगी। विनीता मान्सारे ने सिकल सेल के चार्ट के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी, साथ ही एड्स रोग के कारण व सावधानियां से अवगत कराया। रमिला डामोर ने किशोर- किशोरियों में होने वाले बदलाव व समस्याओं पर चर्चा की। उन्होंने किशोरावस्था में शारीरिक- मानसिक व भावनात्मक बदलाव व समस्या पर भी जानकारी प्रदान की। छात्राओं को माहवारी व यौन समस्याओं व रोग संबंधित जानकारी भी दी। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग से संजय कटारा व मदन बारिया भी परामर्शदाता के रूप में उपस्थित रहे। महाविद्यालय के प्रो ए एस मुवेल, डॉ मनोहर सोलंकी, डॉ. छगन वसुनिया, प्रो. विजय मावी, प्रो हिमांशु मालवीया, प्रो के एस डोडवे, डॉ जी डी भालसे, डॉ आर एस चौहान, डॉ सुनीता राज सोलंकी, डॉ मंजुला मंडलोई, प्रो कंचन बारस्कर, प्रो. रितु सिंह राठौड़, नेहा वर्मा, विजय मावडा, दिनेश मोरिया, रमेश डामोर, विक्रम डामोर सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ मीना मावी ने व आभार डॉ दीपिका जोशी ने माना