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ओपीडी में मरीजों को लगातार देखने वाले डॉक्टर हैं कोरोना योद्धा

बरनाला। कोरोना महामारी में हर कोई अपना अहम योगदान डाल रहा है, लेकिन अगर देखा जाए तो असल में डॉक्टर ही कोरोना योद्धा हैं, जो कोरोना मरीजों को संभालने के साथ ही सारा दिन ओपीडी लगाकर अलग-अलग तरह के रोगियों को देखते हैं।

सिविल अस्पताल बरनाला और तपा में ओपीडी इतनी ज्यादा है डॉक्टर सुबह 6 बजे मरीजों को देखने के लिए बैठ जाते हैं और शाम तक मरीज देखते रहते है। यहां तक की दोपहर का खाना भी कम ही नसीब होता है। इस तरह सिविल अस्पताल बरनाला और तपा के डॉक्टर खतरों के खिलाड़ी से कम नहीं हैं।

अगर बात करें सिविल अस्पताल बरनाला के डॉक्टर मनप्रीत            सिंह सिद्धू की जो दिल, पेट और शुगर के स्पेशलिस्ट डॉक्टर है और कोरोना महामारी से अनेक लोगों की जान बचा चुके हैं। किसी फरिश्ता से कम नहीं हैं वह। वह सुबह 6 बजे से मरीजों को देखने लग जाते हैं और कभी तो वह खाना खाना भी भूल जाते हैं।

इसी तरह सिविल अस्पताल तपा के एसएमओ डॉक्टर जसवीर सिंह औलख गायनी के माहिर डाक्टर हैं। उनके पास भी आसपास के गांवों की पूरी ओपीडी आती है। जहां वह मरीजों को संभालते हैं वहीं गर्भवती औरतों की डिलीवरी, ऑपरेशन करने के साथ-साथ सारा दिन ओपीडी में लगाते हैं और सुबह जल्दी जाकर देर रात तक मरीजों की सेवा में अपना समय गुजारते हैं।

इसके इलावा सिविल हस्पताल की हड्डियों के डॉक्टर हरीश मित्तल और डॉ अंशुल गुप्ता ने हड्डियों के रोगियों को बहुत राहत प्रदान की हुई है। वह दोनों हड्डियों के रोगियों की दिल से सेवा करते हैं, कूल्हा तक बदल देते हैं। गरीब लोगों के टूटे अंगों का फ्री इलाज करके प्राइवेट डाक्टरों की लूट से गरीब लोगों को बचा लेते हैं। इसी तरह गायनी डॉक्टर ईशा गुप्ता के पास भी ओपीडी बहुत ज्यादा है वह सारा दिन महिला मरीजों को देखते हैं।
  
इसी तरह डॉक्टर प्रवेश कुमार, डॉ. ज्योति कौशल जो एसएमओ सिविल अस्पताल बरनाला, सीएमओ डॉ. सिंह अपनी ड्यूटी बहुत अच्छे तरीके से निभाकर शहर के लोगों की दुआएं और आशीर्वाद ले रहे हैं। डॉक्टर मनप्रीत सिंह सिद्धू और डॉक्टर जसवीर सिंह औलख और डॉक्टरों के लिए मिसाल बन रहे हैं।

इसके लिए इनको कोरोना योद्धा कहा जा रहा है, क्योंकि यह अपनी जान को खतरे में डालकर दूसरों की जाने बचाते हैं। अगर ऐसे डॉक्टर हर शहर हर गांव में हो जाए तो कभी किसी मरीज की बेवजह जान ना जाए।

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