logo

अजीब ख़ौफ़ सा रहता है ज़िन्दगी तुझसे उलझ न जाये कहीं तू भी गेसुओं की तरह

अजीब ख़ौफ़ सा रहता है ज़िन्दगी तुझसे
उलझ न जाये कहीं तू भी गेसुओं की तरह

0
0 views