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केन्द्र सरकार द्वारा एक्सीडेंट होने पर जारी नये नियम का ड्राइवर ट्रांसपोर्ट द्वारा विरोध प्रदर्शन

आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस एवं अन्य सभी ट्रक युनियनों द्वारा भी देश व्यापी आंदोलन की चेतावनी। हिट एंड रन केस को लेकर केंद्र सरकार नया कानून लाई है। इसके दो प्रावधानों को लेकर ट्रांसपोर्टरों ने विरोध शुरू कर दिया है। वर्तमान प्राविधानों में ड्राइवर की थाने से जमानत हो जाती है और अधिकतम दो साल की सजा है। संशोधित कानून में वाहन ड्राइवर को अधिकतम दस साल की सजा और सात लाख जुर्माने का प्राविधानों किया गया है। केंद्र सरकार को बिना ट्रक ड्राइवरों की सहमति के कानून नहीं बनाना चाहिए। दुर्घटना से मृत्यु पर 10 लाख का जुर्माना और सात साल की सजा का कानून गलत है। ट्रक ड्राइवर किसान मजदूर के बेटे हैं। केंद्र सरकार को यह कानून वापस लेना चाहिए। किसान गरीब मजदूर अपने परिवार का पालन पोषण इस महंगाई के दौर में मुश्किल से ही कर पा रहे हैं। ऊपर से बीच-बीच में डरावने कानून बनाकर भय का माहौल पैदा किया जा रहा है। इस लिए इंदौर मध्यप्रदेश मांगलिया में पैट्रोल डीजल ड्राइवर ट्रांसपोर्ट यूनियन द्वारा विरोध में चौतरफा चक्का जाम कर दिया गया है। पुलिस प्रशासन के समझाने के वाबजूद ड्राइवर जाम हटाने को तैयार नहीं है। ड्राइवर इस मामले में उनके विचार मुताबिक बहुत हद तक सही है लेकिन आम जनता को इस तरह से चक्का जाम से काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है जो उचित नहीं है। अतः सरकार द्वारा ड्राइवर की इस समस्या का समाधान गंभीरता पूर्वक विचार कर जल्द से जल्द समाधान करने का प्रयास किया जाना उचित है।

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