
देवास में दीनदयाल रसोई के द्वारा नगर निगम को किया जा रहा कलंकित
देवास। देवास में दीनदयाल रसोई के नाम पर गरीबों के हिस्से के अन्न को हजम करने के लिए ठेकेदार संस्थाएं और सिटी मैनेजर गरीबों का लगातार शोषण कर रहे हैं। वैसे तो मध्यप्रदेश शासन और देवास नगर निगम ने गरीबों के कल्याण के लिए शहर में तीन दीनदयाल रसोई केंद्र स्थापित किए हैं लेकिन अनुभवहीनता और कमिशनबाजी के चलते गरीबों के हक के राशन को अधिकारी और कर्मचारी मिलकर अपने सेटिंग के ठेकेदारों के माध्यम से गायब कर रहे हैं। गरीबों के हिस्से में सिर्फ पानी और घटिया गुणवत्ता का भोजन ही आ रहा है। छः माह से लगातार शिकायतों के बाद भी गलत संस्थाओं के चयन पर न तो सिटी मैनेजर पर कार्यवाही हुई न ही गुणवत्ताहीन भोजन प्रदाय करने वाली संस्थाओं पर।
सोमवार दोपहर साईं मंदिर के पास स्थित दीनदयाल रसोई केंद्र पर जो भोजन परोसा जा रहा था उसे भोजन कहना भोजन का अपमान ही कहा जाएगा। गरीबों की थाली में सब्जी के नाम पर सिर्फ पानी परोसा जा रहा था जब लोगों ने विरोध किया तो संचालक और उसके के पति द्वारा गरीबों के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए दीनदयाल रसोई से भगा दिया गया। दोपहर में ही इस रसोई पर एक बड़े हंगामे की स्थिति निर्मित हुई। गरीबों के नाम पर चलने वाली योजनाओं में कमिशन बाजी, अन्न की दलाली से नगर निगम और गरीबी उपशमन प्रकोष्ठ को बदनामी का दाग झेलना पड़ रहा है। आयुक्त महोदय ने भी गरीबों के इस गुणवत्ताहीन भोजन पर रोष जताते हुए जांच करवा कर कठोर कार्यवाही करने की बात कही है।