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पत्रकारों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए जरूरी है पत्रकार सुरक्षा कानून

आज जब पूरे देश में आर्थिक संपन्नता को लेकर विभिन्न सामाजिक एवं जातिवादी संगठनों के द्वारा आवाज बुलंद की जा रही है, और उनके समर्थन में विभिन्न राजनीतिक एवं सामाजिक संगठन बढ़-चढ़कर चर्चा में शामिल हो रहे है जिसका सबसे बड़ा उदाहरण जाट आरक्षण, पिछला दलित एवं अल्पसंख्यक, मराठा आरक्षण समेत किसानों के हित के लिए स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिश को लागू करने के लिए संघर्ष जारी है, ऐसी कठिन परिस्थितियों में भी पत्रकार का संघर्ष लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए अनवरत जारी रहता है। पत्रकारों के संघर्ष के बदौलत ही अंतिम पंक्ति पर खड़े व्यक्ति की आवाज शासन प्रशासन तक पहुंचाने मे एक कलमकार की बड़ी महती भूमिका देखने को मिल जाती है, किंतु पत्रकार समाज को ना तो सरकारों के द्वारा और ना ही सामाजिक स्तर पर कोई सहायता प्राप्त हो पाती है, जिसकी वजह से जहां एक ओर पत्रकार आर्थिक स्थिति से जूझता है। वहीं दूसरी ओर खबर प्रकाशन को लेकर विभिन्न चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है। जिसे ध्यान में रखते हुए पत्रकारों के हित में भी चर्चा जरूर होनी चाहिए और उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने के साथ ही उनको सुरक्षा मुहैया कराना सरकार का बड़ा दायित्व बनता है। आज आवश्यकता है कि पत्रकारों की दयनीय दशा को देखते हुए पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाना बहुत जरूरी हो गया है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि पत्रकारों के हित में AIMA पूरे तन मन धन से संघर्ष करेगा और पत्रकार हित की आवाज सड़क से लेकर संसद तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
धन्यवाद! 🙏

विकास त्रिवेदी राहुल
वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक
मोबाइल : 9454 72 54 40
व्हाट्सएप : 9235 7478 16
E-MAIL: janurja2013@gmail.com

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