
900 पशु चिकित्सा अधिकारी की भर्ती की परीक्षा परिणाम जल्द जारी करने की मांग
बीकानेर (राजस्थान)। भारतीय पशु चिकित्सक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ चिरंतन कादियान ने राजस्थान लोक सेवा आयोग के सचिव, पशुपालन विभाग के निदेशक, प्रमुख शासन सचिव, माननीय मुख्यमंत्री तथा पशुपालन मंत्री सभी को पत्र लिखकर मांग की है कि 2 अगस्त 2020 को संपन्न हुई 900 पशु चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती के परिणाम को जल्द जारी कर साक्षात्कार प्रारंभ किया जाए तथा इनको जल्द नियुक्ति दी जाए । इसके लिए भारतीय पशु चिकित्सक संघ द्वारा पुनः स्मरण पत्र भी राजस्थान लोक सेवा आयोग को भेजा गया है।
गौरतलब है कि पशुपालन विभाग में पशु चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती 2013 के बाद अर्थात सात वर्ष बाद में अब जाकर संपन्न होने जा रही है। इसके लिए संवीक्षा परीक्षा भी संपन्न करवाई जा चुकी है। इनका परीक्षा परिणाम अतिशीघ्र जारी किया जा सकता है, लेकिन लम्बा समय बीत जाने के बाद भी 'संवीक्षा परीक्षा का परिणाम' तक जारी नहीं किया गया है। इस कारण आगे की समस्त प्रक्रिया में विलंब होता नजर आ रहा है। ज्ञात हो कि राजस्थान लोक सेवा आयोग ने पशु चिकित्सा अधिकारियों के लिए 900 पदों की भर्ती विज्ञप्ति अक्टूबर 2019 में विज्ञापित की थी जिसके लिए 2 अगस्त 2020 को संपन्न हुई संवीक्षा परीक्षा में पदों की तुलना में बहुत ही कम मात्र 2300 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। इतने कम अभ्यर्थी होने के बाद भी अभी तक संवीक्षा परीक्षा का परिणाम घोषित नहीं किया गया है।
बेरोजगार पशुचिकित्सक संघर्ष समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. बालमुकुंद मीणा की ओर से बताया गया कि, 'राज्य सरकार के साथ साथ भारत सरकार ने भी पशुपालन व्यवसाय के महत्व को समझते हुए व GDP में इसके योगदान के मद्देनजर मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय का वर्ष 2019 में अलग से गठन किया गया है। पशु रोगों के प्रभावी नियन्त्रण व इस सेक्टर में रोजगार बढ़ाने के लिये राष्ट्रीय रोग नियन्त्रण कार्यकम (NADCP), INAPH , NADRAS, & NAIP शुरू किये गये हैं. इस हेतु भारत सरकार ने सभी राज्यों से पशुपालन विभाग में समस्त पदों को भरने का आग्रह किया है। इसके साथ ही विभाग में संचालित लगभग 6000 पशुचिकित्सा उपकेन्द्रों/ औषधालयों के प्रभावी व विधि सम्मत ( भारतीय पशुचिकित्सा परिषद अधिनियम 1984 की अनुपालन सुनिश्चित करते हुए ) संचालन के लिए भी पशु चिकित्सा अधिकारियों के पदों का भरा जाना अत्यावश्यक है।'
इसके साथ ही राज्य में गोपालन विभाग में पंजीकृत लगभग 3000 गो शालाओं/नंदीशालाओं में संधारित लगभग 10 लाख गोवंश का सत्यापन करने, चिकित्सा सेवाएं, टीकाकरण, डीवर्मिंग आदि कार्य के साथ ही पूरे देश में सबसे अधिक अनुदान राशि बांटने का कार्य भी पशुचिकित्सा अधिकारियों के प्रमाणीकरण के पश्चात ही किया जाता है।
60 प्रतिशत से अधिक पद रिक्त
पशुपालन विभाग में पशु चिकित्सा सेवाएं अत्यावश्यक सेवाएं होने के बावजूद पशुचिकित्सा अधिकारियों के रूप में मानव संसाधन की सख्त जरूरत है। इसके अभाव में पशुपालन विभाग की समस्त योजनाएं जैसे वर्तमान में सुचारु रूप से संचालन नहीं हो रही है। विभाग में वर्तमान में पशु चिकित्सा अधिकारियों के 60 प्रतिशत से अधिक पद भी रिक्त पड़े हैं।
बेरोजगार पशु चिकित्सक ले रहे हैं ट्विटर का सहारा
पशुपालन विभाग में में पशु चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती 2013 में की गई थी। उसके बाद बीते सात वर्ष में कोई भर्ती नहीं होने के कारण बेरोजगारों के लिए एकमात्र उम्मीद यह 900 पशु चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती है, जिनसे से उनको रोजगार मिल सकता है। इसके लिए बेरोजगार ट्विटर के माध्यम से राजस्थान लोक सेवा आयोग,पशुपालन मंत्री, मुख्यमंत्री एवं अन्य सभी नेताओं को टैग करके मांग कर रहे हैं कि 900 पशु चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती का परीक्षा परिणाम एवं साक्षात्कार को जल्द संपन्न करवा कर नियुक्ति प्रदान की जाए।