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महिलाओं पर बढ़ती हिंसा एसएफआई ने दिया धरना

- जुलूस निकाल कर एसडीएम सदर को सौंपा ज्ञापन

सुल्तानपुर।
महिलाओं के प्रति बढ़ती हिंसा और निर्भया फण्ड के इस्तेमाल ना किये जाने के सन्दर्भ में छात्र संगठन एसएफआई ने तिकोनिया पार्क सुल्तानपुर में एक दिवसीय धरना दिया। बाद में जुलूस निकालकर एसडीएम सदर को महिला एवम् बाल विकास मंत्रालय को सम्बोधित ज्ञापन
सौंपा।
 
धरने को सम्बोधित करते हुए स्टूडेन्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष विवेक विक्रम सिंह ने कहा कि हिंसा व बलात्कार के मामलों में रिपोर्ट और दोष सिद्ध होने की दर कम होने के साथ साथ वो सारी संस्थाएं निष्क्रिय पड़ी हुई हैं जो इन घटनाओं को रोकने और उनसे निपटने के लिए बनाई गई थी। उदाहरण के लिए, ‘निर्भया फण्ड’ का ही सालों से इस्तेमाल ना किया जाना ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मौज़ूद संस्थाओं और कानूनों के इस्तेमाल के मामलों में सरकार की उदासीनता को दिखाता है।

उन्होंने कहा कि महिलाओं, दलितों, और अल्पसंख्यकों के साथ बलात्कार और हिंसा की रोज़ आती घटनाएं अब ‘न्यू नार्मल’ हो चुकी हैं। पिछले महीने में ही कि गैंग रेप और उसके बाद ही हत्या की चार घटनाएं मीडिया की सुर्खियों में रही हैं, लेकिन घटनाएं चार से कहीं ज्यादा हैं।

देशव्यापी प्रदर्शनों के परिणाम स्वरूप 2013 में सरकार द्वारा घोषित ‘निर्भया फण्ड’ घोषणा के समय से ही अपने आप मे असफल रहा है। 1000 करोड़ रुपये की घोषित राशि का यह फण्ड सिर्फ़ कागजों में ही सिमट कर रह गया है और घोषणा के एक साल बाद से ही इस्तेमाल में नहीं है।

एसएफआई के जिला सचिव सौरभ मिश्र ने कहा कि सरकार की उदासीनता ही बलात्कार पीड़ितों के बढ़ने के पीछे ज़िम्मेदार है। हम देश भर मे महिलाओं और बच्चों की स्थिति में बदलाव लाने के लिए उनके सुरक्षा कारणों पर और अधिक ध्यान देने की मांग करते हैं। इस बात की ज़िम्मेदारी तय होनी चाहिए कि आवण्टित फण्ड का अभी तक इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया और ख़ासकर ऐसी परिस्थिति में जब पूरे देश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या इतनी तेजी से बढ़ रही है और फण्ड की देख रेख उच्च स्तरीय संसदीय समिति की निगरानी में हो जिससे इस तरह की लापरवाही दुबारा ना हो।

धरने की अध्यक्षता कर रहे जिलाध्यक्ष सैफ़ हामिद अली खान ने कहा कि पूरा प्रदेश अराजकता की भेंट चढ़ा हुआ है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के बजाय सरकार और उसकी एजेंसियों द्वारा पीड़ित परिवार को ही दोषी करार देते हुए उसे ही परेशान किया जाय।

धरने में मुख्य रूप से नोमान खान, अभिषेक कुमार, राजीव तिवारी, पियूष वर्मा, पार्थ सारथी, मो. शफीक, शनिउल हसनैन, सुनील धुरिया, राहुल कुमार, जिशान खान, अखंड प्रताप सिंह, धर्मेन्द्र यादव, शशांक पाण्डेय समेत अन्य लोग मौजूद रहे।



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