
जुग जुग जियसु ललनवा, आंगनवा के भाग जागल हो.
प्रेस विज्ञप्ति
जुग जुग जियसु ललनवा, आंगनवा के भाग जागल हो...
( _आल्हा और लोकनृत्य से हुआ जन्मोत्सव आगमन का स्वागत/तुलसी मंच पर प्रतीक्षा की बेला भक्त बिता रहे भजन से)_
राम जन्मोत्सव के स्वागत अयोध्या में तुलसी मंच पर संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित रामोत्सव में गीत संगीत नृत्य से धूम मची है। महोबा से आई आल्हा गायिका बहनों दीक्षा और प्रतीक्षा ने अपने आल्हा गायन से सभी को मुग्ध कर दिया। बुंदेलखंड की सुनो कहानी से, वीरों और सतियो के शौर्य को सुनाकर सभी को रोमांचित कर दिया। सर।पर पगड़ी, हाथो में तलवार लेकर कलाकारो की जोड़ी ने पानीदार यहां का पानी,आग यहां के पानी में, जोशपूर्ण अंदाज में गाकर वातावरण में वीर रस का संचार कर दिया। आल्हा गायन की शैली और कलाकारो की अदायगी से सम्मोहित दर्शक लंका विजय के पूर्व राम की समुद्र से विनय और फिर क्रोध के प्रसंग पर उत्साहित होकर तालियां बजाने लगे।
अगली प्रस्तुति लखनऊ से आई शास्त्रीय संगीत में पारंगत गायिका राधिका श्रीवास्तव ने अपने दल के साथ उपशास्त्रीय गायन, गाइए गजवदन से आरंभ किया। इसके बाद, देखा राम बने,महाराजा राम, को लोकधुन में सुनाया तो सभी मंच से जुड़ गए। विनती करते हुए कलाकार ने दर पे तुम्हारे आया सुनाया और फिर राम जन्म के स्वागत में सोहर, राम जी के भईले जनमवा सुनाया तो दर्शक आनंदित हो गए। फुलवारी प्रसंग का वर्णन करते हुए, राम को देख कर जनक नंदनी सुनाने के बाद बजरंगबली की आराधना कर दो केसरी के लाल,मेरा छोटा सा ये काम गाया तो सभी उठकर अपनी जगह पर नृत्य करने लगे।
उल्लास से भरे वातावरण में लखनऊ से आई स्वाति श्रीवास्तव के दल ने लोक भजनों के साथ लोक नृत्य भी प्रस्तुत किया। मेरे लाडले गणेश से गणपति वंदना के बाद पारंपरिक सोहर, जुग जुग जियसु ललनवा, अगनवा के भाग जागल हो, पर नृत्य करके कलाकारो ने त्रेता का दृश्य जीवंत कर दिया। इसके बाद मिथिला की गारी, राम जी से पूछे, जनकपुर कय नारी को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत करके कलाकारो ने खूब वाह वाही लूटी। चारो दूल्हा में बड़का कमाल सखियां सुनाने के पश्चात होली के रंगो को सुरो से सराबोर करते हुए नृत्य प्रस्तुत किया, होली खेले रघुबीरा,अवध में होली खेले रघुवीरा तो सभी उठकर एक बार फिर नृत्य करने लगे।
कार्यक्रम का संचालन आकाशवाणी के उद्घोषक देश दीपक मिश्र ने प्रभावपूर्ण ढंग से किया। उ. प्र.लोक एवम जनजाति संस्कृति संस्थान लखनऊ के निदेशक अतुल द्विवेदी के निर्देशन में कलाकारो का सम्मान समन्वयक अतुल कुमार सिंह ने किया।इस अवसर पर भारी संख्या में दर्शक और संतजन उपस्थिति रहे।