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राज्यपाल कलराज मिश्र की अध्यक्षता में कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर का षष्ठम् दीक्षांत समारोह संपन्न

श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के षष्ठम् दीक्षांत समारोह का सफल आयोजन हुआ । समारोह की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल व कुलाधिपति कलराज मिश्र ने श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के भाषण में गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की l कलराज मिश्र ने भारत के संविधान की प्रशंसा करते हुए मौलिक अधिकारो के साथ मौलिक कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रेरित किया l उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह शिक्षा के लिए बहुत ही पावन पर्व है यह दिन विद्यार्थी जीवन के एक महत्वपूर्ण चरण के पूरा होने का प्रतीक है l साथ ही उन्होंने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि कृषि शिक्षा में छात्राओं की संख्या छात्रों के बजाय तेजी से बढ़ रही है जो बढ़ते महिला नेतृत्व का संकेत है l उन्होंने बताया की आज गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में 71 प्रतिशत से अधिक छात्राए है कलराज मिश्र ने कहा कि कृषि क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं है l उन्होंने कहा की युवा वैज्ञानिकों को जैविक खेती, जल संरक्षण व ऊर्जा संरक्षण में नवाचार पर ध्यान देने की जरूरत है l उन्होंने आलोच्य वर्ष में विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई ग्वार की दो उन्नत किस्मो ,42 उन्नत कृषि तकनीकियों व 8500 क्विंटल बीज उत्पादन पर प्रसन्नता जाहिर की l राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों को अपने जीवन में तीन बातों को विशेष रूप से स्थान देना चाहिए जिनमे प्रथम आप स्वयं की योग्यता को पहचाने ,द्वितीय सोच -विचार एवं धारणा को बहुत ऊंचे स्तर पर ले जाएं और तृतीय स्वयं को अनुशासन में बनाए रखें l साथ ही उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति में कौशल विकास करके आत्मनिर्भर भारत बनाने का प्रयास करेंगे l कलराज मिश्र ने युवाओं को किसानो के साथ सहभागिता दिखाते हुए कृषि में रोजगार के अवसर सर्जन करने तथा जैविक खेती को बढावा देने के लिए प्रेरित किया l

विशिष्ट अतिथि प्रो. बलदेव सिंह ढिल्लों, पूर्व कुलपति, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना ने कहा कि कहा कि किसी भी समाज ,राज्य तथा देश के विकास के लिए शिक्षा सर्वोपरि होती है l प्रो. बलदेव सिंह ढिल्लों ने बताया कि जोबनेर विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई गेहूं, जौ , चना, बाजरा, ग्वार एवं मूंगफली की फसलों की नई किस्म का उपयोग न केवल राजस्थान के किसानों द्वारा किया जा रहा है बल्कि पंजाब, हरियाणा व अन्य पड़ोसी राज्य के किसान भी कर रहे हैं साथ ही उन्होंने वर्षा जल संग्रहण के उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रसंशा जाहिर की व कहा कि इस तकनीक को अन्य जगह अपनाने की आवश्यकता है l

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बलराज सिंह ने षष्ठम् दीक्षांत समारोह में इस विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों के बारे में बताया कि विश्वविद्यालय वर्ष 2013 से कृषि के विकास के उद्देश्य से कृषि शिक्षा शोध एवं प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है l
डॉ बलराज सिंह ने बताया कि विश्विद्यालय द्वारा अनुसंधान व शोध में गुणवत्ता बढाने के लिए वर्ष 2023 में 15 राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से समझौता अनुबन्ध किये गए हैं। विश्वविद्यालय की उपलब्धियों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस वर्ष विश्वविद्यालय शोध कार्य में निरन्तरता बनाये रखते हुए इस वर्ष विश्वविद्यालय की ग्वार की दो उन्नत किस्में, क्रमशः कर्ण ग्वार-14 (आर.जी.आर 18-1) व कर्ण ग्वार 15 (आर.जी.आर. -15) का राष्ट्रीय स्तर पर अनुमोदन हुआ है। इनके अलावा मूंगफली की दो किस्मों क्रमशः आर.जी. 575-1 व आर.जी. -648 का राष्ट्रीय स्तर पर एवं लसोडा की कर्ण लसोडा-1 को प्रदेश स्तर हेतु चयनित किया गया। इस प्रकार विश्वविद्यालय द्वारा प्रमुख फसलों की कुल 174 किस्में विकसित की गयी हैं । उन्होंने बताया कि कृषि की नवीनतम तकनीकों के प्रचार प्रसार के लिए इस वर्ष तीन दिवसीय 21-23 जनवरी 2024 तक फार्म टेक किसान मेला आयोजित किया गया, जिसमें 100 से अधिक प्रदर्शनियाँ लगाई गई एवं 15000 से अधिक किसान, कृषक महिलाएं और विभिन्न कॉलेजों व स्कूलों के छात्र-छात्राएं लाभान्वित हुए l साथ ही उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना के तहत विधार्थियो व शिक्षको को विभिन्न विषयो पर गुणवत्ता प्रक्षिक्षण प्राप्त करने के लिए विदेश भेजा गया l
*इनको मिले गोल्ड मेडल* *पीएचडी स्तर* कमल महला को चांसलर गोल्ड मेडल , योगिता नैन को वाइस चांसलर गोल्ड मेडल
*एमएससी स्तर* अल्का जयसवाल ,जतिन, सीमा यादव व साक्षी शर्मा ,
*स्नातक स्तर* चित्रांगना सिंह छिपा शेखावाटी कॉलेज सीकर को मिला
*इनकी लगी कृषि प्रदर्शनियां*
कृषि महाविद्यालय जोबनेर के रेडी कार्यक्रम के प्रायोगिक संग्रहण, रारी, दुर्गापुरा की अनुसंधान व प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा प्रसार प्रर्दशनी लगाई गई
*इनका हुआ विमोचन* - राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना की" प्रोजेक्ट कमपाईलेशन रिपोर्ट 2020-2023" - लेखक डॉ एम एल जाखड़, डॉ डी के गोठवाल , "सब्जी बीज उत्पादन" - लेखक डॉ एम आर चौधरी, डॉ पुष्पा उज्जैनिया , डॉ कमल महला, डॉ ओम प्रकाश व " नागफनी - एक द्विप्रयोजनीय बकरी नस्ल" -लेखक डॉ विनोद भटेश्वर व डॉ बसन्त भींचर
*कलराज मिश्र द्वारा इनका हुआ लोकार्पण* - वाहितमल शोधन संयंत्र, अवशिष्ट प्रबंधन समाधान केंद्र व खेल स्टेडियम के पवेलियन
*इनको मिली मानद डिग्री( डॉक्टरेट ऑफ साइंस) प्रदान*
माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति द्वारा पद्मश्री प्रो. बलदेव सिंह ढिल्लों, पूर्व कुलपति, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना को मानद डिग्री( डॉक्टरेट ऑफ साइंस) प्रदान की गई l

महाविद्यालय अधिष्ठाता व संकाय प्रमुख डॉ एम आर चौधरी ने बताया कि फेसबुक पर कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया जिसमे विश्विद्यालय के सभी कालेजों के 3000 से भी अधिक विद्यार्थियों एक ही प्लेटफार्म से जोड़ा गया l
मंच का संचालन डॉ ओ पी गढ़वाल ने किया l
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद विश्वविद्यालय के कुलसचिव राम रतन शर्मा ने ज्ञापित किया l
कार्यक्रम के दौरान एमपीयूएटी के कुलपति डॉ अजीत कुमार कर्नाटक, एसकेआरएयू के कुलपति डॉ अरूण कुमार, शंकरा ग्रुप ऑफ टैक्नोलॉजी के चेयरमैन डॉ एस के चौधरी व विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजो के अधिष्ठाता , निर्देशक व स्टाफ उपस्थित रहे l

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