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आमला से आकर किया रक्तदान, बचाई महिला की जान ब्लड बैंक में रक्त की कमी के बीच मानवता का अद्भुत उदाहरण


बैतूल। जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में केवल तीन यूनिट ब्लड शेष रह गया है। गर्मी के कारण रक्तदाता भी कम आ रहे हैं और मरीजों के परिजन भी रक्तदान करने में संकोच कर रहे हैं। वर्तमान में ब्लड बैंक में ए पॉजिटिव को छोड़कर किसी अन्य ग्रुप का ब्लड उपलब्ध नहीं है। ऐसी स्थिति में कोथलकुंड निवासी भागरथी जावलकर को ओ पॉजिटिव ब्लड की आवश्यकता होने पर आमला से आकर बबलु नरवरे ने रक्तदान कर उनकी जान बचाई। भीम सेना जिला संगठन मंत्री अलीमुद्दीन ने जैसे ही भागरथी जावलकर को ओ पॉजिटिव ब्लड की आवश्यकता की सूचना पाई, उन्होंने तुरंत लोगों से रक्तदान करने की अपील की। उनकी अपील पर आमला निवासी बबलु नरवरे ने तत्परता दिखाते हुए आमला से बैतूल आकर रक्तदान किया। अलीमुद्दीन ने सभी युवाओं से अपील की कि वे आगे आएं और रक्तदान करें, जिससे मरीजों की जान बचाई जा सके। उन्होंने कहा बबलु नरवरे के इस सराहनीय कार्य ने महिला की जान बचाने के साथ ही समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश भी दिया। रक्तदान एक ऐसा नेक कार्य है, जिससे किसी की जान बचाई जा सकती है। गर्मी के इस मौसम में भी रक्तदान करने से किसी की जिंदगी बचाई जा सकती है, इसलिए सभी को आगे आकर रक्तदान करना चाहिए।
-- केवल तीन यूनिट बचा है रक्त --
गौरतलब है जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में केवल तीन यूनिट ब्लड बचा है। रक्त की कमी गंभीर समस्या बन गई है। गर्मी के मौसम में लोग रक्तदान करने से हिचकिचाते हैं, जिससे ब्लड बैंक में रक्त की कमी हो जाती है। वर्तमान में ए पॉजिटिव ब्लड को छोड़कर किसी अन्य ब्लड ग्रुप का ब्लड उपलब्ध नहीं है। इस स्थिति में मरीजों की जान बचाने के लिए ब्लड की आवश्यकता होती है।

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