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एस के फाइनेंस लिमिटेड ने 70 लाख के फर्जी लोन स्वीकृत किए बैंक कर्मचारियों ने किया फ्रॉड

गाड़ियां बिकी ही नहीं और बैंक के कर्मचारियों ने किया फ्रॉड फिर जब लगभग एक साल बाद बैंक की आंखे खुली तो बैंक के एक अधिकारी संदीप पाल का शोरूम संचालक के पास गाड़ियों ने नंबर लेने फोन आया तब पता चली हकीकत
दीवानगंज। एस के फायनेंस कर्मचारियों ने न केवल टीवीएस शौरूम संचालक के साथ धोखाधड़ी की बल्कि बैंक को भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 73 गाड़ियों पर फायनेंस कर लगभग 70 लाख रुपए की चपत लगा दी। जिन कर्मचारियों ने इस पूरी जालसाजी को अंजाम दिया उनमें से कुछ कर्मचारियों ने तो नौकरी भी छोड़ दी है, अब बैंक अधिकारी शौरुम संचालक के खिलाफ कार्रवाई के लिए थाने में आवेदन दे रही है, तो वहीं शौरुम संचालक ने भी पूरे मामले की जानकारी जुटाकर पूरे दस्तावेजों के साथ सलामतपुर थाने में कार्रवाई के लिए आवेदन दिया है। लेकिन पुलिस ने भोपाल का मामला होने के बात कहकर वहीं पर आवेदन देने की बात कही है। उल्लेखनीय है कि भानपुर निवासी शिवम रघुवंशी पिता चैन सिंह रघुवंशी ने दीवानगंज में शिवम ऑटोमोबाईल ( शिवम टीवीएस ) शौरुम वर्ष 2021 में खोला था, जहां से वह गाड़ियों को विक्रय करता था, इस बीच 2023 में पिताजी बीमार होने पर शोरुम बंद कर अपने पिताजी का उपचार करवाने में लग गया, इसी दौरान बैंक अधिकारी संदीप पाल ने शौरुम संचालक शिवम रघुवंशी को फोन कर उसके फायनेंस हुई गाड़ियों के नंबर मांगे तो उसे शक हुआ क्योंकि 1 साल से उसका शोरुम बंद था और कोई गाड़ियां बिकी ही नहीं है। उसने एस के फायनेंस कंपनी से फायनेंस हुई गाड़ियों की डिटेल मंगाई इसके बाद किस खाते में पैसा गया, किसने फायनेंस की आदि की जानकारी जुटाई तब पता चला कि बैंक के साथ साथ उसके साथ भी धोखाधड़ी हो गई है। शोरुम संचालक ने पुलिस में कार्रवाई के लिए आवेदन दिया है।
ऐसे हुए मामले का खुलासा
जनवरी 2024 में दीवानगंज निवासी ग्राहक प्रेमनारायण सेन के पास एस के फायनेंस कंपनी का एजेंट किश्त लेने गया, जबकि उसने कोई गाड़ी फायनेंस नहीं करवाई इसलिए उसने शोरुम संचालक शिवम रघुवंशी को फोन पर पूरी जानकारी दी तो उसने एजेंट से सारी जानकारी लेकर शिकायत करने की बात कह दी, इसके दो दिन बाद एसके फायनेंस के एरिया मेनेजर संदीप पाल का शिवम रघुवंशी के पास फोन आया कि उसके शोरुम की इनवाईस से 73 गाड़ियां बिकी है। जो फायनेंस की गई है। इनके रजिस्ट्रेशन नंबर और अन्य कागज उपलब्ध करवाओ जब उसने मना किया तब पाल ने उसके शोरुम की इनवाईस होना बताया। शोरूम संचालक के खाते में पैसा जाना बताया तब शोरुम संचालक को एहसास हुआ कि कोई फ्राड हुआ है।
संचालक की जगह एक्सिस बैंक बकानिया का निकला खाता
एरिया मैनेजर की बात को ध्यान में रखते हुए शोरूम संचालक रघुवंशी ने बैंक खातों की डिटेल निकाली तो पता चलता कि वह एक्सिस बैंक बकानिया गांव का है और अजय मालवीय के नाम से है। उसके नाम से खाता भी नहीं है। इसके बाद पता चला कि शोरुम पर एस के फायनेंस कंपनी के अजय रजक, हिमाशु श्रीवास्तव,शुभम मालवीय,प्रकाश सिरोनिया,पलाश गोयल, किशन कुशवाह, मोहम्मद यासीन ने मिलकर बिना वेरिफिकेशन के मेरे शोरुम की फर्जी इनवाईस लगाकर धोखाधड़ी की है और भोपाल के बकानिया के एक्सिस बैंक के खाता नंबर 921020048003227 में एसके बैंक से राशि ट्रांसफार्मर करवाई।
मेने लिखित शिकायत की है।
बैंक कर्मचारियों ने बैंक के साथ मेरे दस्तावेजों का उपयोग कर मुझे भी चपत लगाई है। एक ओर जहां बैंक हमसे लोन की राशि वसूलने की कार्रवाई करेगी, तो वहीं जितनी गाड़ी बिकी उसका जीएसटी अलग भरना पड़ेगा। कुल मिलाकर फायनेंस कंपनी के कर्मचारियों ने मेरे साथ बड़ा फ्राड किया है। मेने डेढ़ माह पहले मय साक्ष्यों के साथ शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
शिवम रघुवंशी, शोरुम संचालक
हमारे यहां का मामला नहीं
बैंक भोपाल की है और फायनेंस भी वहीं से हुआ है, इसलिए हमारे यहां का मामला नहीं बनता है। आवेदन आया था, चौकी भेज दिया था, जहां दोनों पक्षों को भोपाल में शिकायत करने की बात कही है।
दिनेश सिंह रघुवंशी, थाना प्रभारी सलामतपुर

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