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मालिया हटिना शहर में घेडिया कोली समाज के द्वारा आषाढ़ी बीज का उत्सव जोर शोर में मनाया गया

गुजरात :- जूनागढ़

जूनागढ़ डिस्ट्रिक्ट के मालिया हाटीना शहर में आषाढ़ी बीज का त्योहार मनाया गया । हर साल की तरह इस साल भी मालियाहाटिना में घेडिया कोली समाज ने आषाढ़ी बीज धूमधाम से मनाई

आपको बता दे कि आषाढ़ी बीज का महत्व रामापीर से जुड़ा हुवा है जो कि लोग उनको ईश्वरीय अवतार मानते है और श्री रामदेवजी महाराज राजस्थान में हुवे है और उनके काफी चमत्कार देखने को मिले है तभी के गुजरात सहित राजथान ओर अन्य राज्यो में रामदेवजी महाराज का उतशव मनाया जाता है जिसमे राजस्थान और गुजरात प्रमुख माने जाते है

गुजरात मे चैत्र माह में रामदेवजी महाराज का मंडप होता है जिसमे काफी तादात में जनमेदनी आती है और यह उतशव भी जोरसोर में मनाया जाता है ।

इसके अलावा बारिश के समय मे आषाढ़ माह में आषाढ़ी बीज का दिन आता है तब रामदेवजी महाराज का उतशव आषाढ़ी बीज मनाया जाता है जबकि अहमदाबाद जैसे सहरो में भगवान जगननाथ की यात्रा निकाली जाती है उसी तरह रामदेव जी महाराज का उतशव मनाया जाता है जिसमे लोगो के द्वारा रथयात्रा निकाली जाती है और उसमें सभी जाति के लोग जुड़ते है साथ ही साथ यह रथयात्रा पूरे नगर में विचरण करती है और लास्ट में मंदिर के प्रांगण में समापन होता है साथ ही साथ शाम के समय भगवान रामदेवजी महाराज का पाठ दर्शन रखा जाता है जिसमे जो भक्त पाठ से जुड़े होते है वही दर्शन के लिए आते है

आपको बता दे कि गुजरात मे कोली समाज की आबादी सबसे आगे है और यह जाती खास तौर रामदेवजी महाराज से जुड़ी हुई है और इनके द्वारा यह कार्यक्रम किया जाता है ।वैसे तो देखा जाए तो काफी जाती के लोग इस मे मानने वाले है और जुड़े हुए भी है पर प्रमुख तोर पर कोली जाती आती है ।

अब बात करे जूनागढ़ के मालिया शहर की तो यहा पर मालिया शहर के जसपारा इलाके में स्थित रामदेवपीर जी के मंदिर से छोटी छोटी कुमारिओ ने शीर पर कलश के साथ बढ़ी तादात में लोगोके साथ एक विशाल जुलूस के साथ शहर के राजमार्गों पर निकाले थे
जिसमे dj बाजा ओर नाचगान के साथ लोगो का उत्साह देखने को मिला । रामदेवजी महाराज की यह रथ यात्रा शहर के अंदर के मार्गो से होते हुए शहर के नदी के किनारे पुराने मंदिर पर समापन हुई थी तब वहां रथयात्रा में जुड़े सभी लोगोने मंदिर में आरती दर्शन करके धन्यता का अनुभव किया । कार्यक्रम में घेडिया कोली समाज के सभी भाई, बहनें ,बूढ़े ,बच्चे और नवयुवा सामिल रहे ।

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