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।। शुभ श्रावण मास ।।*_ शिवाश्रय महिमा



भगवान शिव स्वयं तो पूज्य हैं ही लेकिन उन्होंने प्रत्येक उस प्राणी को भी पूज्य बना दिया जो उनकी शरण में आ गया। शिव आश्रय ले लेने पर वक्र चन्द्र अर्थात वो चन्द्रमा जिसमें अनेक विकृतियां, अनेक दोष हैं पर वो भी वन्दनीय बन गए। जिसे मनुष्यों का जन्मजात शत्रु माना जाता है, वही सर्प जब भगवान शिव की शरण लेकर उनके गले का हार बन जाता है तो फिर पूज्यनीय भी बन जाता है।

यह भगवान महादेव के संग का ही प्रभाव है कि शिवजी के साथ-साथ नाग देव के रूप में सर्प को भी सारा जगत पूजता है। भगवान महादेव अपने आश्रित को केवल पुजारी बनाकर ही नहीं रखते अपितु पूज्य भी बना देते हैं। हमें भी यथा संभव दूसरों का सम्मान एवं सहयोग करना चाहिए।जीवन इस प्रकार का हो कि आपसे मिलने के बाद सामने वाले का हृदय उत्साह, प्रसन्नता और आनंद से परिपूर्ण हो जाये।

*आज का दिन शुभ मंगलमय हो।*

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