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मुझे वैक्सीन की आवश्यकता नहीं और ना ही लागवाऊंगा - बाबा रामदेव


रविवार शाम एकल भारत लोकशिक्षा परिषद द्वारा आयोजित एकल के राम कार्यक्रम को बाबा रामदेव ने कवि कुमार विश्वास के साथ संबोधित करते हुए कहा कि प्रेम और विश्वास के वशीभूत होकर आज इस कार्यक्रम में शामिल हुआ हूँ।

बाबा ने आगे कहा कि जो भगवान राम को जपते है वो श्रेष्ठकारी होते है, लेकिन राम को जीना ये जपने का ध्येय है। राम त्याग है, राम समपर्ण है, राम राष्ट्र है, राम भक्ति है, राम धर्म है, राम राम पुत्र है, राम पति है, राम पिता है तो राम मां भी है। वो अर्थ, काम और मोक्ष भी है, वो पुरुषार्थ ततुष्ट है, और पुरुषार्थ से जो अर्थ अर्जित हो और परमार्थ में समर्पित हो उसका नाम एकल है।

और यदि आजका पुरुषार्थ अर्जित अर्थ परमार्थ को समर्पित ना हो, तो आप ना ही जीवन में कोई समृद्धि प्राप्त करेंगे और ना ही जीवन में किसी प्रकार की संतुष्टि। बाबा रामदेव ने कहा को सबको प्रसन्नता बांटना ही मेरा सबसे बड़ा लक्ष्य है।

कार्यक्रम प्रमुख कुमार विश्वास की तारीफ करते हुए बाबा ने कहा कि जिस प्रकार से विश्वास भाई राम के शरणागत हुए तो इनके शब्दों के साथ अर्थ और परमार्थ भी बहुत बड़ा जुड़ेगा। 

उक्त कार्यक्रम (एकल अभियान) के बारे में बताते हुए कहा कि 31 वर्ष पहले यात्रा प्रारंभ हुई थी एकल की और किसी यात्रा को प्रारम्भ करना यानी किसी चीज़ का बीज डालना वो भी किसी बड़ी दृष्टि के साथ बहुत बड़ी बात और उपलब्धि है। 31 वर्ष सेवा साधना करते हुए आज एकल विद्यालयों की गिनती एक लाख से ऊपर हो चुकी है। जो कि भारत के कई विभिन्न राज्यों के साथ विदेश के यूके, कनाडा, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, जापान में भी संचालित किए जा रहे हैं।

भारत में वैक्सिंग के आगमन का स्वागत करते हुए बाबा रामदेव ने स्पष्ठ शब्दों में कहा कि मुझे वैक्सीन की आवश्यकता नहीं और ना ही लागवाऊंगा। क्योंकि इस भारत देश में कोरोना रिकवरी में यदि सबसे बड़ी भूमिका किसी की है तो केवल योग और गिलोय की है। इसलिए योग करें और स्वस्थ रहें।

वरिष्ठ पत्रकार - दामोदर विरमाल "ब्रह्मभट्ट" इंदौर
संस्थापक - साहित्य, कला संस्था विद्यांजलि भारत
पता - 38, इंद्रपुरी कालोनी, किशनगंज महू (इंदौर)
मोबाईल - 8120203050 

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