
Monkeypox: क्या है मंकीपॉक्स वायरस, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया?
मंकीपॉक्स वायरस को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। गत दो वर्षों में, इस बीमारी को विश्वव्यापी खतरा बताया गया है। दक्षिण अफ्रीका ने पहले इस बीमारी को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। बुधवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन की बैठक हुई। इसके बाद मंकीपॉक्स को विश्व स्वास्थ्य आपदा घोषित किया गया है। मकीपॉक्स के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए ये महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।
दुनिया भर में कुछ साल पहले मंकीपॉक्स वायरस के मामले बढ़े। तब इस बीमारी के केस यूरोप, भारत और अमेरिका में भी सामने आए। बाद में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स को विश्वव्यापी खतरा बताया। इस वायरस के केस अब फिर से बढ़ रहे हैं। हालाँकि अफ्रीका में अभी अधिक मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन इससे मंकीपॉक्स की बीमारी अन्य देशों में भी फैलने का खतरा बढ़ रहा है।
क्या है मंकीपॉक्स?
Mickeypox वायरस बंदरों से इंसानों में चला गया। इस वायरस भी एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है। यह बिना प्रोटेक्शन के शारीरिक संबंध बनाने से भी दूसरे व्यक्ति में फैलता है। मंकीपॉक्स संक्रमण से बुखार और दाने आते हैं, जो पूरे शरीर में फैल सकते हैं। शुरू में दाने चेहरे पर निकलते हैं, फिर पूरे शरीर पर। मंकीपॉक्स के अधिक मामले समलैंगिक पुरुषों में होते हैं। अफ्रीका भी इस वायरस का उद्गम स्थान था।
क्या कोई दवा है?
मंकीपॉक्स से संक्रमित लोगों को भी अस्पताल में भर्ती करना पड़ सकता है। मरीज का इलाज लक्षणों के अनुसार किया जाता है। रोगियों को उनके लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए इलाज दिया जाता है क्योंकि इस बीमारी का कोई टीका या दवा नहीं है।