
न्यूमोनिया, टायफाइड में एंटीबायोटिक बेअसर
बीमारियों को खत्म करने में एंटीबायोटिक दवाओं की अहम भूमिका भूमिका होती है। लेकिन एक नई रिपोर्ट में कुछ बीमारियों जैसे न्यूमोनिया, टायफाइड में सामान्य एंटीबायोटिक का असर कम होने की बात कही गई है। यह रिपोर्ट भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की ओर से जारी की गई। आईसीएमआर के एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस नेटवर्क ने वार्षिक रिपोर्ट जारी की है। इसमें न्यूमोनिया, सेप्सिस, सांस में संक्रमण और डायरिया जैसी समस्या में इस्तेमाल होने वाली सामान्य एंटीबायोटिक दवाओं पर फोकस किया गया। एक जनवरी 2023 से 31 दिसंबर, 2023 की अवधि पर आधारित सातवीं रिपोर्ट में भारत के सरकारी और निजी अस्पतालों और क्लिनिक से लिए गए आंकड़ों का विश्लेषण किया गया। ई. कोलाई लेबसिएला न्यूमोनि, स्यूडोमोनास एरगिनोसा और स्टैफाइलोकोक्कस ऑरियस बैक्टीरिया पर एंटीबायोटिक का असर देखा गया। ये बैक्टीरिया शरीर के विभिन्न हिस्सों से लिए गए रक्त, पेशाब, सांस की नली और संक्रमणों के नमूनों में मिले थे। यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, खून में संक्रमण, जैसी कुछ बीमारियों का इलाज कठिन हो रहा है, क्योंकि अब इन बीमारियों को पैदा करने वाले बैक्टीरिया पर सामान्य एंटीबायोटिक का असर नहीं हो रहा।