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जशपुर जिला, छत्तीसगढ़ में बाल लैंगिक शोषण के ख़िलाफ़ ‘अर्पण’ संस्था का अभियान -

-दिनांक 24.09.2024 :
जशपुर जिला और मुंबई स्थित अर्पण संस्था ने 'बाल लैंगिक शोषण' को रोकने के लिए जिला कलेक्टर जशपुर जिला शिक्षा अधिकारी जशपुर , एंव डीएमसी जशपुर के निर्देशन में ‘अर्पण संस्था ‘प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में व्यक्तिगत सुरक्षा शिक्षा कार्यक्रम शुरू करने के लिए ‘शिक्षकों की क्षमता निर्माण’ प्रशिक्षण दिनांक 24 सितम्बर 2024 आयोजित किया है । प्रशिक्षण विकास खंड शिक्षा अधिकारी मनोरा संजय कुमार पटेल, सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी तरुण कुमार पटेल की गरिमामय उपस्थिति में प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया । प्रशिक्षण के प्राथमिक उद्देश्य प्रमुख हितधारकों (शिक्षक) बाल लैंगिक शोषण के मुद्दे को संबोधित करने के लिए प्रासंगिक ज्ञान और कौशल के साथ प्रशिक्षित करना है। इस प्रशिक्षण के साथ, शिक्षक माता-पिता तथा वयस्क भागीदारों के लिए इस विषय पर जागरूकता सत्र आयोजित करेंगे। तथा बच्चों को उनकी आयु अनुसार जानकारी देने में सक्षम होंगे और असुरक्षित परिस्थितियों का सामना करने के लिए बच्चों को प्रभावी ढंग से तैयार करेंगे उन्हें उपयुक्त समर्थन देंगे। इस तरह, इस अभियान से बच्चों के लिए एक सुरक्षित माहौल तैयार करने में मदद मिलेगी ।।अभियान के इस चरण में जशपुर जिले के बगीचा, जशपुर, मनोरा और कुनकुरी के शिक्षकों के लिए आयोजित किया गया है।प्रशिक्षण बुधवार 18 सितम्बर से 24 सितम्बर 2024 तक सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक आयोजित किया गया है। विकास खंड मनोरा में कुल प्रशिक्षण हेतु 413 का लक्ष्य मिला है जिसमें 385 शिक्षकों ने छः चरण में प्रशिक्षण लिया ।प्रशिक्षण के विषय: बाल लैंगिक शोषण का परिचय: सत्र में बच्चों और बच्चों के अधिकार, बाल शोषण और बाल लैंगिक शोषण के प्रकार, इनके आँकड़े, बाल लैंगिक शोषण के अल्पकालीन और दीर्घकालीन प्रभाव, पॉक्सो अधिनियम और इसके प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की किया गया ।‘अर्पण’ एक पुरस्कार विजेता ग़ैर-सरकारी संस्था (एनजीओ) है। यह मुंबई सहित विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है। यह संस्था भारत को बाल लैंगिक शोषण से मुक्त करने की दिशा में काम कर रही है। ‘अर्पण’ भारत की सबसे बड़ी ग़ैर-सरकारी संस्था है, जो बच्चों सहित वयस्कों के लिए बाल लैंगिक शोषण पर रोकथाम एवं हस्तक्षेप प्रशिक्षण सेवाएँ उपलब्ध कराती है। सन २००७ से, ‘अर्पण’ के कार्यों का प्रभाव २० लाख बच्चों और वयस्कों पर हुआ है।लैंगिक शोषण को रोकने के लिए रोकथाम कार्यक्रम "व्यक्तिगत सुरक्षा शिक्षा": ६ से १६ साल के बच्चों के लिए कहानी पर आधारित व्यक्तिगत सुरक्षा शिक्षा कार्यक्रम, ऑनलाइन ई-लर्निंग कोर्स का परिचय, रोकथाम के पाठों और जीवन कौशल पर आधारित जानकारी देकर बच्चों को सशक्त बनाने के तरीके पर एक प्रस्तुति दी जाएगी।बच्चे के ख़ुलासे के मामले को कैसे संभालें? ख़ुलासे के प्रकार और बाल लैंगिक शोषण के मामले को संभालते समय शिक्षकों को किन कौशलों का इस्तेमाल करना चाहिए, इस पर नवीनतम जानकारी की प्रस्तुति दी जाएगी । प्रशिक्षण की सफलता हेतु नव उल्लास साक्षरता के प्रभारी श्री विपिन विकास खरे ,संकुल समन्वयक प्रेम लाल बर्मन एवं लेखपाल समग्र शिक्षा नरेन्द्र बघेल जगेश्वर भगत प्रशिक्षण में सहयोग प्रदान कर रहे है । इस प्रशिक्षण को संचालित करने में अर्पण संस्था के अनुभवी प्रशिक्षक ,आशा खडकर, दिनेश रेग्मी, नंदिनी मजुमदार, अनुष्का कुंडू, नुपुर लांडगे, सायली जाधव, मिलिंद मुरुडकर, शंकर गवस, प्रशांत गीते और निलय आगलावे मार्गदर्शन देंगे। इस प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करने में एस. सी. ई. आर. टी. छ. ग. रायपुर का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
बच्चों को व्यक्तिगत सुरक्षा सिखाने के लिए आप हमारी वेबसाइट www.arpanelearn.com पर भी जा सकते हैं।



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