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पाँच दिन में 18लावारिस लोगों को मिला अपना घर आश्रम कोटा में मिला आश्रय

कोटा संभाग में 14 अक्टूबर से चलाये जा रहे लावारिस, असहाय मानसिक विमन्दितों के लिये रेस्क्यू अभियान में कोटा संभाग में अभी तक कुल 28 लोगों को रेस्क्यू करके अपना घर में आश्रय दिया जा चुका है ।जिनमें 17पुरुष और 11 महिलाएँ हैं।
इनमें कोटा से 13 बूंदी से 5,बारां से 3 और झालावाड़ से 7 को रेस्क्यू करके अपना घर कोटा में आश्रय दिया गया ।संपूर्ण राजस्थान में अभी तक कुल 521 रेस्क्यू करके अलग अलग आश्रमों में आश्रय दिया गया है ।भरतपुर मुख्यालय से समस्त राजस्थान के लिया अलग अलग संभाग में प्रभारी नियुक्त किए गये है। कोटा संभाग के प्रभारी विनोद कुमार सिंहल की देखरेख में यहाँ का रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है ।उनके सहयोगी डॉ योगेन्द्र मणि कौशिक अध्यक्ष अपन घर ,राजेश शर्मा संरक्षक ,प्रतिभा शर्मा महिला प्रमुख ,सतीश चन्द्र गुप्ता वित्त सचिव ,पंकज कुमार रामानी सह सचिव और चंद्रप्रकाश बर्थुनिया भी रेस्क्यू अभियान की देखरेख में लगे हैं और निरंतर प्रशासन और रेस्क्यू टीमों के संपर्क में रहते हैं।दो दिन तक ओपेरा हॉस्पिटल द्वारा भी अपनी एंबुलेंस की सेवाएँ इस रेस्क्यू अभियान में दी गई ।
अपना घर आश्रम भरतपुर द्वारा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहयोग से समस्त राजस्थान असहाय ,बीमार लावारिस रहित राजस्थान अभियान का प्रारंभ भरतपुर मुख्यालय से 13 अक्टूबर को किया गया था ।इसी क्रम में कोटा संभाग में 14 अक्टूबर को इसका शुभारंभ किया गया था ,16 को बूंदी में,17 को बारां और झालावाड़ में एक साथ उसका शुभारम्भ स्थानीय ज़िला कलेक्टर द्वारा हरी झंडी दिखाकर किया गया था ।
इस अभियान में रेलवे स्टेशन से एक ऐसी महिला प्रभु जी भी जिसके सीने में बहुत बड़ा घाव था और उसमें असंख्य किसी पड़े हुए थे ।उस घाव में असहनीय दुर्गंध आ रही थी ।लेकिन अपना घर टीम के सेवा साथियों ने बिना कोई परवाह किए उसे अपना घर पहुँचाया जहाँ उसकी साफ़ सफ़ाई करके चिकित्सा शुरू कर दी गई है ।उसके पास से प्राप्त आधार के अनुसार वह केशवरायपाटन की है । सेवासाथियों द्वारा उसके परिवार की तलाश की जा रही है ।

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