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तमिलनाडु की विजयाथी राजेंद्रन और अटरु की जमना को मिला परिवार

अपना घर आश्रम जहाँ एक ओर निराश्रितों को आश्रय देने का काम करता है वहीं दूसरी ओर बिछड़ों को उनके परिवार से भी मिलाता है ।राजस्थान से बहुत दूर दक्षिण भारत के तमिलनाडु की रहने वाली विजयाथी राजेंद्रन मानसिक विमंदित होने के कारण तीन माह पूर्व घर से निकल गई थी और भटकती हुई बारां रेलवे स्टेशन पर पहुँच गई थी ।लेकिन यहाँ पर समाज सेवी और व्यवसायी आदित्य जैन और सोनू सेन ने इस महिला को इधर उधर भटकते हुए देख इससे बात की लेकिन वह न तो हिंदी बोल पा रही थी और न ही समझ पा रही थी ।उन्होंने एक परिचित तमिल जानने वाले को बुलाकर उससे जानकारी ली तब उसके नाम ओर परिवार के विषय में जानकारी मिली कि वह तमिलनाडु की रहने वाली है और उसके परिवार को सूचित किया गया तथा सूचना मिलने अपना घर आश्रम की एंबुलेंस द्वारा उसे कोटा लाया गया ।उसके पति राजेंद्रन ने बताया गया कि तीन माह पूर्व उसके लापता होने की स्थानीय पुलिस में रिपोर्ट दर्ज है ।वह तमिलनाडु के कुंभकोणम,तजाम्बुर की रहने वाली है ।
एक ओर महिला जमाना बाई को ट्रांसपोर्ट नगर कोटा से लेखराज की सूचना पर अपना घर आश्रम लाई गई थी कॉन्सलिंग करने पर उसके परिवार से संपर्क किया गया ।तो उसके पति मंशा राम में बताया कि वे अटरू के रतनपुरा बंजारा बस्ती में रहते हैं ।उनकी पत्नी मानसिसिक विमंदित है और कुछ दिनों पूर्व बिना बताए घर से निकल गई थी

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