
नागाजी मठ का प्रत्येक कुंभ मेले में लगता है पांडाल
रोहित जोशी खंडप
समदड़ी।एकता और मानवता का संगम कुम्भ मेला स्थानों पर प्रत्येक 12 वर्ष में लगता है। यानी कि हर तीसरे वर्ष कुम्भ का मेला पड़ता है। यह हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक एवं उज्जैन में लगता है। इस वर्ष यह प्रयागराज में है।इन कुम्भ मेलों में गत कई वर्षों से लगातार श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा 14 मड़ी खंडप नागाजी महाराज श्रीमठ का पांडाल लगाया जाता है। जिसमें साधु-संतों सहित नागाजी महाराज श्रीमठ खण्डप व आसपास क्षेत्र से जुड़े भक्तों के लिए रहने व खाने -पीने की व्यवस्था की जाती है।कुंभ मेला हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व होने से इन कुंभ मेलों में खंडप मठ से जुड़े बड़ी संख्या में भक्त परिवार सहित मेलें में पहुंचते हैं। ओर पवित्र नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं व विभिन्न सम्प्रदायों के साधु-संतों का दर्शन लाभ लेते हैं।मंहत उमाकांतगिरी महाराज बताते हैं कि खंडप मठ का तंबू वैसे तो सनातन काल से लग रहा है लेकिन पूर्व में मेरे ब्रम्हालीन गुरुजी श्री श्री 1008 अष्ठकौशल महंत धनुषगिरी महाराज के समय से भी तंबू लगाया जाता था जिसे मेरी ओर से यह कार्य नागाजी महाराज भक्तों के सहयोग से अब भी अनवरत जारी है। तंबू में ठहरने की व्यवस्था सहित भंडारा लगाया जाता है जिसमें भक्त सहित साधू महात्मा प्रसादी ग्रहण करते हैं।इस वर्ष भी प्रयागराज में हमारे मठ का तंबू लगेगा जिसे लेकर तैयारियां जोरों शोरों से की जा रही है।
खंडप से रोहित जोशी की रिपोर्ट