कविता - नहीं झुकेगा मस्तक भारत माता के सम्मान का ......
अब न झुकेगा मस्तक....भारत माता के सम्मान का |बोल रहा है......हर एक हिन्दू – बच्चा हिन्दुस्तान का ||कुछ हिन्दू हैं......अगर स्वार्थ में अन्धे और गद्दार बने |उनको चेतावनी भेज दो............न माने तो दण्ड चुने ||पर अब इनको मत बनने दो धब्बा अपनी शान का |दुश्मन चाहे हैं वो घर के.............या बाहर के लोग हैं |मिटना ही अब होगा उनको......जो संक्रामक रोग हैं ||नयी नीति ये राह बनेगी..........अब अपने उत्थान का |अब संकल्प सुशासन होगा....और शिक्षा कर्तव्य की | राष्ट्रवाद ही आत्मा होगी...........अपने हर मन्तव्य की ||अब अनीति आधार न होगी...अपने दिव्य विधान का |हों समान अधिकार सभी के....... भेदभाव से दूर अब |आदर्शों के पालक – सेवक.....हों अपने परिवार सब || सत्य – न्याय और धर्म बनेगा पथ अब हर संतान का | अब जो आँखें हमें डरायेंगी..........निकाल ली जायेंगी | सीमायें अब...........जागरूकता से सँभाल ली जायेंगी ||दुश्मन से हम बदला लेंगे.......अपने हर अपमान का | रचनाकार – अभय दीपराज संपर्क सूत्र – 9893101237