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शीतलहर से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े पहने

स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताया गया है कि शीतलहर से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े जैसे- दस्ताने, टोपी, मफलर, एवं जूते आदि पहनें। शीतलहर के समय चुस्त कपड़े न पहनें, यह रक्त संचार को कम करता है, इसलिये हल्के ढीले-ढाले एवं सूती कपड़े बाहर की तरफ एवं ऊनी कपड़े अंदर की तरफ पहने। शीत लहर के समय जितना संभव हो सके, घर के अंदर ही रहें और कोशिश करें कि अतिआवश्यक हो तो ही बाहर यात्रा करें।
पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों से युक्त भोजन ग्रहण करें एवं शरीर की प्रतिरक्षा बनाए रखने के लिए विटामिन-सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं एवं नियमित रूप से गर्म पेय पदार्थ का अवश्य सेवन करें। बुजुर्ग, नवजात शिशुओं तथा बच्चों का यथा संभव अधिक ध्यान रखें, क्योंकि उन्हें शीत ऋतु का प्रभाव होने की आशंका अधिक रहती है, उनके द्वारा टोपी, मफलर, मौजे, स्वेटर इत्यादि का उपयोग किया जाये। आवश्यकतानुसार रूम हीटर का उपयोग करें एवं रूम हीटर के प्रयोग के दौरान पर्याप्त हवा निकासी का प्रबंध रखें। अत्यधिक ठंड पड़ने से प्रभावित शरीर के हिस्से पर मालिश न करें। इससे अधिक नुकसान भी हो सकता है। शीत लहर में अधिक ठंड के लम्बे समय तक सम्पर्क में रहने से त्वचा कठोर एवं सुन्न हो सकती है। शरीर के अंगों जैसे- हाथ पैर की उंगलियों, नाक एवं कान में लाल फफोले हो सकते हैं। शरीर के भाग के मृत हो जाने पर त्वचा का लाल रंग बदलकर काला हो सकता है। यह बहुत खतरनाक है और इसे गैंग्रीन रोग कहा जाता है। इसके लिए तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें।

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