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दुलु मानकी के पोता-पोती से मिले देवराज चातार



पश्चिमी सिंहभूम के मझगाओं प्रखंड के प्रसिद्ध समाज सेवी देवराज चातार दुलु मानकी के पोता-पोती से मिले|चातार ने दुलु मानकी के पोता श्री बोधनाथ देवगम और उनकी पत्नी श्रीमती लक्ष्मी देवगम से जमशेदपुर के बागुनहातू, बारीडीह स्थित उनके आवास पर मिले और हाल-चाल पूछा| श्री चातार के जानकारी के मुताबिक दुलु मानकी चाईबासा से देश की प्रथम संसदीय चुनाव प्रणाली निर्वाचन 1921 मे चुने जाने वाले प्रथम "हो" आदिवासी थे|देश की प्रथम चुनाव मे चाईबासा सामान्य सीट बनाई गयी थी| सामान्य सीट होने पर भी काफी कठिनाईयों का सामना करके मानकी जी ने निर्वाचन चाईबासा सीट जीता था|उस समय लोगों को निर्वाचन के बारे मे जानकारी नही थी| दुलु मानकी के अलावा देश के आदिवासी सांसद के रूप मे नॉर्थ-ईस्ट के मेघालय(शिलोंग) से निकोलस राय् थे|
दुलु मानकी चाईबासा के दुम्बीसाई के थे|श्री बोधनाथ देवगम के अनुसार देश के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी भी दुलु मानकी से मिलने आये और गांधीजी भोजन भी भी किया और रात्रि विश्राम भी किये|जिस दिन महात्मा गाँधी को गोली मारी गयी उस दिन मानकी जी के घर के आंगन मे लगे आमरुद् पेड़ के पत्ते पतझड़ के बिना भी झड़ गए थे|
|आज चाईबासा लोकसभा सीट आरक्षित होने के बावजूद "हो"आदिवासी की जीवन शैली काफी स्थिति दयनीय है|

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