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आज के समय मे डाक्टरी जान बचने के लिए है, डकैती है या गुंडा गर्दी?

आज के समय मे डाक्टरी जान बचने के लिए है, डकैती है या गुंडा गर्दी? जी मैं ऐसे ही 1 हॉस्पिटल के बारे बोलना चाह रहा हूं जो कि वाराणसी में आदरणीय प्रधानमंत्री जी के कार्यालय के पास स्थित है इसी जगह पे कुछ दिन पहले 7 बार के विधायक स्वर्गीय श्याम देव राय चौधरी जी को लाया गया था जिनकी कुशलक्षेम के लिए प्रदेश के मुखिया आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी आए थे। कल मैं खुद 1 मरीज को प्राइवेट चैंबर में डॉक्टर को दिखाया उन्हें लगा कि मरीज को भर्ती करना होगा लेकिन 1 बार 3 दिनों के लिए घर पे ही ड्रिप लगवा ले सारी दवा खरीद के लाया लेकिन घर पे सुविधा ना होने के कारण हॉस्पिटल लाना हुआ जहां पे डॉक्टर साहब ने बोला अब यहां लाने के पश्चात स्वास्थ्य और धन उगाही का खेल चालू होता है हॉस्पिटल के डायरेक्टर और फाउंडिंग मेंबर के सदस्य डॉ प्रश्नुन केशरी जी का बाहर से लाई हुई दवा नहीं चढ़ाएंगे, आपने आपको खांसी आ रही है दवा नहीं लिखेंगे सीधे ईसीजी कराएंगे, इको कराएंगे पर दवा नहीं लिखेंगे दवा भी ऐसी कंपनी की लिखेंगे जिसपे उन्हें कमीशन ज्यादा मिले और अब छुट्टी के लिए कहने पे कहते है कि ये कॉरपोरेट हॉस्पिटल है यहां आप अपनी मर्जी से आए है जाएंगे हमारे मर्जी से नहीं तो कोई डॉक्यूमेंट नहीं देंगे जिससे कि आप ओर कही इलाज कंटिन्यू करा सके।
क्या यही है कलयुग के भगवान जिन्हें कहा जाता है कि ये प्राण बचाते है लेकिन प्राण बचाने की जगह मरीज की मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है कैसे आवाज उठाएं समझ नहीं आ रहा है।

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