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हर्बल चिकित्सा पद्धति इलेक्ट्रो होमियोपैथी के जन्मदाता सर काउंट सीजर मैटी का जन्मदिन मनाया गया।

जमानिया,गाजीपुर उत्तरप्रदेश।
विश्व प्रसिद्ध सौ प्रतिशत शुद्ध हर्बल चिकित्सा पद्धति इलेक्ट्रो होमियोपैथी के जन्मदाता सर काउंट सीजर मैटी का जन्मदिन जमानिया तहसील अंतर्गत ग्राम पाहसैयदराजा में डॉ.राजेंद्र प्रसाद मौर्य के क्लीनिक पर मनाया गया।
सर काउंट सीजर मैटी
(sir Count Cesare Mattei) एक महान वैज्ञानिक,चिकित्सक और विद्वान थे, जिन्होंने 19वीं सदी में चिकित्सा के क्षेत्र में इलेक्ट्रो होम्योपैथी का आविष्कार किया। उनका जन्म 11 जनवरी 1809 को इटली के बोलोग्ना प्रांत में हुआ। उन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में एक नई प्रणाली विकसित की, जो प्राकृतिक उपचार पद्धतियों पर आधारित थी। उनका उद्देश्य सस्ती, प्रभावी और सुरक्षित चिकित्सा प्रणाली विकसित करना था, जो सभी के लिए सुलभ हो।
काउंट सीजर मैटी एक उच्चवर्गीय परिवार से संबंधित थे। उनकी शिक्षा उच्च स्तरीय थी, और वे विज्ञान, साहित्य और कला में भी रुचि रखते थे। प्रारंभिक जीवन में उन्होंने राजनीति में भी भाग लिया, लेकिन अपने जीवन को मानवता की सेवा के लिए समर्पित करने के लिए उन्होंने राजनीति छोड़ दी।
इलेक्ट्रो होम्योपैथी का आविष्कार:
काउंट मैटी ने अपनी चिकित्सा प्रणाली को प्राकृतिक सिद्धांतों पर आधारित किया। उन्होंने पौधों और जड़ी-बूटियों के औषधीय गुणों का गहन अध्ययन किया और पाया कि बिजली और जीवन शक्ति का संतुलन शरीर में स्वास्थ्य का आधार है। उनके अनुसार, रोग शरीर की जीवन शक्ति (Vital Force) में असंतुलन के कारण होते हैं।
इलेक्ट्रो होम्योपैथी एक क्रांतिकारी पद्धति
एवं अद्वितीय चिकित्सा पद्धति है, जो रोग के लक्षणों के बजाय उसके मूल कारणों पर ध्यान केंद्रित करती है। यह 115 औषधीय पौधों से बनाई जाती है। ऊर्जा आधारित दवाओं के माध्यम से शरीर के रक्त (Blood) और लसीका (Lymph) को शुद्ध करती है। इस पद्धति का उद्देश्य दूषित पदार्थों को शरीर से निकालकर संपूर्ण स्वास्थ्य को पुनर्स्थापित करना है। यह शारीरिक और मानसिक दोनों ही स्तर पर राहत प्रदान करती है।इलेक्ट्रो होम्योपैथी में, जड़ी-बूटियों से तैयार किए गए औषधीय अर्क का उपयोग किया जाता है। ये दवाइयाँ प्राकृतिक रूप से शरीर के अंगों और ऊतकों पर प्रभाव डालती हैं और शरीर की ऊर्जा को संतुलित करती हैं।
इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा प्रणाली पूरी तरह से पौधों और जड़ी-बूटियों पर आधारित है। इसमें रसायनिक या विषैले पदार्थों का उपयोग नहीं किया जाता।

इलेक्ट्रो होम्योपैथी की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में सर काउंट सीजर मैटी ने कई आर्कडायनामिक दवाएँ विकसित कीं, जो शरीर की ऊर्जा प्रणाली पर कार्य करती हैं। मैटी जी ने कई ग्रंथ और लेख लिखे, जिनमें उनकी चिकित्सा पद्धति और उसके सिद्धांतों को विस्तार से समझाया गया है।
सर काउंट मैटी ने इटली के बोलोग्ना में अपना महल (Castle of Rocchetta Mattei) बनाया, जो आज भी उनकी चिकित्सा प्रणाली का प्रतीक है।
काउंट मैटी ने 3अप्रैल 1896 में अपनी अंतिम सांस ली, लेकिन उनकी चिकित्सा प्रणाली आज भी जीवित है।
इलेक्ट्रो होमियोपैथीक चिकित्सक डॉ.अशोक कुमार सिंह ने बताया कि इस पद्धति में मुख्य कार्य शरीर की जीवन शक्ति और ऊर्जा के प्रवाह को संतुलित करना है। इलेक्ट्रो होम्योपैथी की दवाओं का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता।
इलेक्ट्रो होम्योपैथी एक सस्ती और सर्व सुलभ चिकित्सा पद्धति है। इसका उद्देश्य चिकित्सा को हर वर्ग के लिए सुलभ बनाना है।
इलेक्ट्रो होमियोपैथी के रजिस्टर्ड चिकित्सक और इलेक्ट्रो होम्योपैथी के प्रबल प्रशंसक डॉ.अनिल कुमार सिंह ने बताया कि होमियोपैथी के बाद इलेक्ट्रो होमियोपैथी को पूरी दुनिया में अपनाया गया और यह लाखों लोगों के लिए स्वास्थ्य का स्रोत बनी। उनकी चिकित्सा प्रणाली विशेष रूप से उन क्षेत्रों में लोकप्रिय है, जहाँ लोग हर्बल और प्राकृतिक चिकित्सा को प्राथमिकता देते हैं।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ राधेश्याम केसरी ने बताया कि कुल मिलाकर सर काउंट सीजर मैटी ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक ऐसी क्रांति की शुरुआत की, जो आज भी लोगों को सस्ती, सुरक्षित और प्रभावी उपचार प्रदान करती है। उनका जीवन मानवता की सेवा और प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली के विकास के प्रति समर्पित था। उनकी जयंती प्रत्येक वर्ष विश्व स्तर पर 11 जनवरी को हर साल उनकी उपलब्धियों और उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए मनाई जाती है।
इलेक्ट्रोहोम्योपैथीक चिकित्सक डॉ.राजेन्द्र प्रसाद मौर्य ने बताया कि काउंट सीजर मैटी का जीवन हमें यह सिखाता है कि चिकित्सा न केवल शरीर को ठीक करने का माध्यम है, बल्कि यह मानवता की सेवा का एक पवित्र मार्ग है। उनके सिद्धांत आज भी प्रेरणा और मार्गदर्शन का स्रोत हैं।
इस अवसर पर श्रवण कुमार पटेल, महेंद्र पटेल, अनुज कुमार कुशवाहा,डॉ. बी.एल.कुमार,स्वामीनाथ कुशवाहा,विष्णु सिंह कुशवाहा इत्यादि उपस्थित रहे।
संवाददाता:
# राधेश्याम राम

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