"भड़काऊ भाषण" "एक बार ज़रूर सोचे"
"एक बार ज़रूर सोचे"दोस्तों चुनावों का माहोल हो। अगर आप किसी रेली मे हो या कही से गुजर रहे हो तभी आपके कानो मे कोई भड़काऊ भाषण सुनाई देता हैं और आपका खून खोल उठता हैं, आपका मन करता हैं के मुझे भी हथियार उठालेने चहिये और सामने दूसरे धर्म या जाती के लोगों को मार देना चाहिए ये ही सही है। तो सिर्फ 2 मिनट रुककर ये सोचो के क्या ये नेता भी भाषण के बाद मरने-मारने जायगा? क्या इसका परिवार भी मरने-मारने आएगा? या हमको ही मरने-मारने के लिये छोड़, अपनी कार मे बैठ, TV पे दंगो कि news देखने घर चला जायेगा॥ यकीन मानिए ये सवाल जो ही आप अपने से करेंगे और उसका जवाब आपको आपके ही अंदर से मिलेगा तो आप भाषन को अनदेखा कर अपना काम या घर पर खुशी-2 चले जाएंगे। "जागो साथियों जागो"🙏--असलम बाशा (A. B.)