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हथौड़े से हत्या, फिर पेट्रोल डालकर पत्नी का शव जलाया: 3 बच्चों को कमरे में बंद किया, पुलिस ने बचाया; भाग रहे आरोपी को पकड़ा


Aima media
रिपोर्टर रामबाबू

राजगढ़ जिले के ब्यावरा में मंगलवार सुबह एक व्यक्ति ने पत्नी की हथौड़ा मारकर हत्या कर दी और शव को पेट्रोल डालकर जला दिया।
मनीषा के दोनों बेटे ने बताया है कि बड़े बेटे ने बोला है आयुष ने कि मेरे बड़े पापा और बड़ी मम्मी दोनों ने बोला था मेरे पापा से कि आप ब्यावरा रहे तो रहे हो लेकिन आप आपके ससुराल वालों के बोझ बनकर रहना सब सामान उनसे मंगवाना खाने पीने का और काम कुछ भी मत करना यह उसे आयुष की बड़ी मम्मी और बड़े पापा ने प्रेम सिंह से बोला था और प्रेम सिंह ने पहले ही उनका फोन लगाया और छोटे बेटे ने बोला है पीयूष ने की बड़े मम्मी ने और बड़े पापा ने की रखमा सब बेच देना यश के बड़े पापा मम्मी ने बोला मंगलसूत्र और पैरों में पिजन्य थी कानो के टापसा और हाथ में चांदी का कडा था यह सब बेच देना यह उनके पीयूष और आयुष के सामने बोला और उन्होंने उनके घर वालों के कहने पर उसको मार दिया
आरोपी पति को घर से बाहर निकलते ही गश्त कर रहे दोनों पुलिसकर्मी ने पकड़ लिया। जब उससे पूछताछ की तो कहा- मैंने पत्नी की हत्या कर दी और आग लगा दी है।

इस हत्याकांड के बाद पुलिसकर्मी घर के अंदर गए तो
2009 में हुई थी दोनों की शादी, दो बेटे भी हैं

ब्यावरा शहर से 10 किलोमीटर दूर स्थित कोडिया खेड़ी (सुंदरखेड़ी) गांव में रहने वाले हीरालाल लववंशी किसान हैं। इनके चार बच्चे हुए। इनमें दो बेटे और दो बेटियां। इनमें सबसे छोटी मनीषा थी। मनीषा की शादी 2009 में सुठालिया थाना क्षेत्र के गंगाहोनी गांव के मांगीलाल लववंशी के बेटे प्रेम से हुई थी। मनीषा और प्रेम के दो बेटे आयुष (14) और पीयूष (11) हैं।

पिता हीरालाल ने बताया कि दामाद प्रेम सिंह गांव में ही खेती-बाड़ी संभालता था। शादी के बाद काफी समय तक मनीषा भी ससुराल में परिवार के साथ रही। परिवार बढ़ा तो बेटी-दामाद बच्चों को अच्छी परवरिश देने और कमाई के मकसद से 2018 में गुना जाकर रहने लगे।

यहां दामाद पेट्रोल पंप पर नौकरी करने लगा। करीब 7 साल तक गुना में ही रहकर बच्चों की अच्छे से परवरिश की। हाल ही में 7-8 महीने पहले दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया था। दामाद आए दिन बेटी से विवाद करने लगा था।
पिता का आरोप- बेटी ने कहा था मारपीट करते हैं पिता हीरालाल ने बताया मनीषा ने कई बार इसकी जानकारी मुझे फोन पर दी थी। उसने बताया था कि प्रेम उसे बहुत परेशान कर रहा है। मेरे अलावा दोनों बच्चों के साथ भी मारपीट करता है। मैंने दामाद से परिवार को परेशान करने का कारण पूछा तो वह बोला- यहां मेरा मन नहीं लग रहा है। बेटी और परिवार की खुशी के लिए मैंने दामाद से कहा- तुम ब्यावरा आ जाओ, यहीं कुछ काम-धंधा कर लेना।

करीब डेढ़ महीने पहले वह परिवार के साथ ब्यावरा आ गया। वार्ड नंबर 18 में मेरा एक मकान है। यहां से बेटा टेंट हाउस का काम देखता था। बेटी-दामाद के आने के बाद हमने टेंट हाउस को दूसरी जगह शिफ्ट कर उन्हें रहने के लिए यह मकान दे दिया था।

मनीषा का बड़ा बेटा आयुष गुना के चाचौड़ा में हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा है। ब्यावरा आने के कुछ दिन बाद ही दामाद को यहां काम भी मिल गया था, लेकिन वह जाने के लिए तैयार नहीं था। मैंने तो उनकी भलाई के लिए उन्हें ब्यावरा बुलाया था, लेकिन दामाद सुधरने को तैयार नहीं था।

मनीषा का शव पूरी तरह से जल गया था। इसके साथ वहां पड़ा सामान भी खाक हो गया।

कहासुनी के बाद गर्दन काटी, हथौड़ा मारकर आग लगा दी

पिता हीरालाल ने बताया कि सोमवार मंगलवार की दरमियानी रात करीब 3 बजे दामाद प्रेम सिंह ने वारदात को अंजाम दिया। एक कमरे में मीना, राज और पीयूष सो रहे थे। दूसरे कमरे में मनीषा और प्रेम सिंह थे। रात में प्रेम सिंह और मनीषा के बीच विवाद हुआ था।

इसके बाद उसने जिस कमरे में बच्चे सो रहे थे, उसकी कुंडी लगा दी। इसके बाद दराते से मनीषा की गर्दन काटी, हथौड़ा मारकर हत्या कर दी। सबूत मिटाने के लिए टेंट हाउस के रजाई-गद्दे डालकर, पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी।

पड़ोसी बोले-भागने का प्रयास किया, घेरकर पकड़ा पूर्व जनपद अध्यक्ष जगदीश दांगी ने बताया कि यह पूरा घटनाक्रम मेरे पड़ोस में ही हुआ है। रात को साढ़े तीन बज रहे होंगे। मैं बाथरूम जाने के लिए उठा था। मैंने देखा कि मेरी शटर को किसी ने बाहर से ऊपर किया है। मैं शटर के पास पहुंचा तो देखा कि दो पुलिसवाले एक युवक को लेकर खड़े थे। वे पूछ रहे थे कि तूने आग क्यों लगाई है। उसने कहा- मेरा मकान, मेरी बीवी, तुम पूछने वाले कौन हो।

दोनों पुलिसवाले रात में ड्यूटी पर थे। मैं शटर से बाहर आया तो पुलिसवालों ने उसकी ओर इशारा करते हुए पूछा- आप इसे जानते हो, तो मैंने कहा- नहीं। इस पर उसने मेरी ओर इशारा किया और बोला- तू कौन। मैंने तत्काल पुलिसवालों से कहा- सर ये गलत आदमी है, इसे पकड़ लीजिए। वह हाथ छुड़ाकर भागने लगा, उसे घेरकर हमने पकड़ लिया।

जिस हथौड़े से वार किया उसका वजन करीब 20 किलो पूर्व जनपद अध्यक्ष जगदीश दांगी का कहना है कि वह कब से यहां रह रहा था, यह तो मुझे नहीं पता, लेकिन जिसे जलाया है, वह कुछ महीने से यहां रह रहा थीं। बच्चों को भी हमने देखा था। महिला को जलाने की जानकारी तो हमें बाद में लगी। पुलिस को एक हथौड़ा भी मिला है, जो 20 किलो का होगा। फर्श पर खून भी था। इससे ऐसा लग रहा है कि पहले उसकी हत्या की और लाश को ठिकाने लगाने पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया।

पुलिसवालों ने बॉडी को घर से बाहर निकाला। यह देखकर मैंने पुलिसवालों से कहा- भैया भीतर बच्चे और बच्ची भी हैं। इस पर उसने कहा- नहीं भीतर कोई नहीं है। मैंने कहा- कैसे नहीं हैं। पड़ोसी हूं, दिनभर घर में बच्चे-बच्ची को देखता हूं। यह सुनकर पुलिस ने कहा-चल कहां हैं, निकाल जल्दी। इसके बाद पुलिसवाले उसे लेकर गए। उसने दरवाजे की कुंडी खोली। भीतर से दो बच्चे और एक बच्ची निकली।

थाना प्रभारी बोले- देर होती तो कुछ भी हो सकता था ब्यावरा सिटी थाना प्रभारी वीरेंद्र धाकड़ ने बताया कि घटना के समय हेड कॉन्स्टेबल बृजेंद्र चौहान और राजू सिलावट मौके पर गश्त पर थे। इसी दौरान आरोपी प्रेम सिंह मकान के गेट से निकलते हुए दिखा। पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि उसने पत्नी की हत्या करके जला दिया ।

इसके बाद दोनों पुलिसकर्मियों ने सब इंस्पेक्टर सुभाष द्विवेदी को सूचना देकर बुलाया। मौके पर पहुंचे सब इंस्पेक्टर को अंदर से बच्चों के चिल्लाने की आवाज आई तो उन्होंने आरोपी से पूछा अंदर कौन है। इसके बाद उसने कहा बच्चे हैं। पुलिस अंदर पहुंची और बच्चों को कमरे से बाहर निकाला। कमरे में धुआं भरा हुआ था। अगर देर होती तो कुछ भी हो सकता था।

पुलिस ने आरोपी से अभी तक कोई पूछताछ नहीं की गई की मनीषा को क्यों मारा गया और जलाई क्यों आरोपी से पूछताछ नहीं कि

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