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वर्दी का ऐसा नशा: 57 वर्ग गज जमीन, जिस पर डोल गई नीयत...कब्जाने के लिए उत्पीड़न कर रहे दरोगा; मुकदमा हुआ दर्ज

जमीन पर कब्जा करने के लिए दो दरोगा उत्पीड़न कर रहे हैं। पीड़ित की शिकायत के बाद मुकदमा दर्ज किया गया है। कानून के खिलाफ काम व गलत दस्तावेज तैयार करने का आरोप लगाया गया है।

आगरा में जमीन पर अवैध रूप से कब्जा दिलाने के लिए यातनाएं दे रहे दो दरोगाओं के खिलाफ न्यायालय ने उन्हीं के थाने में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। छत्ता थाने में तैनात दरोगा अरुण कुमार यादव और मनोज कुमार पाल सिंह पर जमीन के लिए फर्जी प्रार्थनापत्र के आधार पर पीड़ितों का उत्पीड़न करने का आरोप लगा है। आरोप है कि मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई थी।

सिद्धि विनायक अपार्टमेंट, बल्केश्वर निवासी सचिन गर्ग टिंबर कारोबारी हैं। उनकी मां का नाम आशा गर्ग है। पिता अनिल गर्ग का तीन दिसंबर 2024 को निधन हो गया। आशा गर्ग ने मुकदमे के लिए कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया था। सचिन गर्ग ने बताया कि उनकी बांस दरवाजा, कचहरी घाट में पैतृक जमीन है। फिरोजाबाद के बिल्डर को उन्होंने 50 गज जमीन बेची थी। उसके बराबर में 57 गज जमीन और है। उस पर बिल्डर की नजर थी। उस जमीन को खरीदने के लिए आरोपियों ने उसके पिता का अपहरण किया था। उन्हें बंधक बनाकर रखा। उसके पिता वृंदावन आश्रम में रहते थे। इस वजह से उन्हें घटना की जानकारी पिता के वापस लौटने के बाद हुई। मां ने आरोपियों के खिलाफ पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने मुकदमा नहीं लिखा। मां ने कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया। कोर्ट में प्रार्थनापत्र देने के बाद से उनका उत्पीड़न शुरू हुआ।

मुकदमे में दो दरोगाओं पर हैं ये आरोप

11 नवंबर 2024 को दरोगा अरुण कुमार कुमार यादव और दरोगा मनोज पाल सिंह घर पर आए। आरोप लगाया कि अनिल गर्ग ने अपनी पत्नी आशा और बेटे सचिन के खिलाफ उत्पीड़न का प्रार्थनापत्र दिया है। अनिल गर्ग की तबीयत खराब थी। आरोप है कि दरोगा ने धमकाया। प्रार्थनापत्र फर्जी था। अनिल गर्ग ने प्रार्थनापत्र देने वाले के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा।

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