
धरना और आमरण अनशन का 41वां दिन: प्रशासन की उदासीनता से अनशनकारी की हालत नाजुक
संवाददाता गौरी शंकर सारस्वत की रिपोर्ट
रायसिंहनगर। ग्राम पंचायत खाटां में हो रही अनियमितताओं की जांच की मांग को लेकर जारी धरना एवं आमरण अनशन आज 41वें दिन में प्रवेश कर गया है। अनशनकारी पुजारी रामचंद्र की तबीयत लगातार बिगड़ रही है। उन्हें पिछले तीन दिनों से ह्रदय में तेज दर्द और सांस लेने में तकलीफ हो रही है। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि रातों में नींद भी नहीं आ रही और बेचैनी बनी हुई है। इसके बावजूद प्रशासन ने अब तक कोई सुध नहीं ली है, जिससे लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
प्रशासन की तानाशाही और लापरवाही
जानकारी के अनुसार, दिनांक 7 और 8 मार्च की रात को रामचंद्र पुजारी को गंभीर हृदय पीड़ा हुई, लेकिन चिकित्सा सुविधा न मिलने के कारण उन्होंने महज खांसी की दवा लेकर समय गुजारना पड़ा। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, रायसिंहनगर ने दो दिन के भीतर जांच करवाने का आश्वासन दिया था, लेकिन निर्धारित समय बीत जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे प्रशासन की तानाशाही और लापरवाही स्पष्ट नजर आ रही है।
न्याय की मांग, अनियमितताओं की अनदेखी
ग्राम पंचायत खाटां में पंचायत समिति रायसिंहनगर द्वारा दो बार जांच कमेटी गठित की गई, लेकिन उसमें हुई अनियमितताओं को नजरअंदाज किया गया। महज रिकॉर्ड जांचने की प्रक्रिया, जो दो घंटे में पूरी हो सकती थी, उसे 60 दिनों में भी पूरा नहीं किया गया। इससे स्पष्ट होता है कि दोषियों को बचाने के लिए जानबूझकर जांच को लटकाया जा रहा है।
पुजारी रामचंद्र का कहना है कि हमें न्याय चाहिए, खैरात नहीं ,आमरण अनशनकारी को जीने का अधिकार है, मरने का नहीं। लेकिन प्रशासन की सोच क्या है, यह समझ से परे है। राजनीतिक दबाव के कारण ग्राम सभा रजिस्टर में हुई अनियमितताओं की जांच आज तक शुरू नहीं हो पाई। प्रशासन की इस अनदेखी और पक्षपातपूर्ण रवैये के कारण न्याय की मांग उठ रही है।
यदि प्रशासन शीघ्र उचित कदम नहीं उठाता, तो आंदोलन और तेज होगा तथा जनता का आक्रोश और बढ़ सकता है।