आप सभी देश वासियों को मो0 समजद आलम की और से रमज़ान मुबारक
मत कर तमन्ना किसी को पाने की,बड़ी बेदर्द निगाहें हैं जमाने की!तू खुद को बना इस कदर की,,तमन्ना रखें लोग तुझे पाने की!!-