
अररिया से गलगलिया तक सीधी रेल सेवा: सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए बड़ी उपलब्धि । Bihar News
अररिया जिले से किशनगंज जिले के गलगलिया तक सीधी रेल सेवा इस वर्ष शुरू होने जा रही है। यह रेल मार्ग बंगाल और नेपाल सीमा तक बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा और भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र को चिकन नेक के रास्ते जोड़ने वाला दूसरा प्रमुख रेल मार्ग बनेगा। इसके शुरू होने से न केवल आवागमन सुगम होगा, बल्कि देश की सुरक्षा को भी मजबूती मिलेगी।
इस नई रेल लाइन के जरिये भविष्य में भारत-नेपाल के बीच सीधी रेल सेवा शुरू होने की संभावनाएं भी प्रबल हो जाएंगी। वर्तमान में इस परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है और रेलवे इसे इस वर्ष के अंत तक शुरू करने की योजना बना रहा है।
परियोजना का ऐतिहासिक सफर
अररिया-गलगलिया ब्रॉड गेज रेल परियोजना की नींव वर्ष 2006 में तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव और स्थानीय सांसद मु. तस्लीमुद्दीन द्वारा रखी गई थी। इस अवसर पर ठाकुरगंज के गांधी मैदान में एक भव्य समारोह आयोजित किया गया था। उस समय 110 किलोमीटर लंबी इस रेल परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 400 करोड़ रुपये थी।
हालांकि, यह परियोजना लंबे समय तक धीमी गति से आगे बढ़ी, लेकिन अब इसके अधिकांश कार्य पूरे हो चुके हैं। रेलवे इस रूट पर चरणबद्ध तरीके से ट्रायल रन भी कर रहा है। पहले गलगलिया से पौआखाली और फिर टेढ़ागाछ तक ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है।
यह रेल मार्ग व्यापार, पर्यटन और आम यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा और सीमावर्ती इलाकों के आर्थिक विकास को भी गति देगा।