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ओटीए से ट्रेनिंग कर सेवा में अफसर बने कुशाग्र रोहिला

अपने मिशन में सफल होने के लिए आपको अपने लक्ष्य के प्रति एक चित भाव से समर्पित होना पड़ता है।

किशनगढ़ बास के रहने वाले कुशाग्र रोहिला बिहार स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से ट्रेनिंग कर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर कमीशनड हुए है। किशनगढ़ बास घर लौटने पर उनके पिता जो भारतीय जीवन बीमा में विकास अधिकारी हैं जितेंद्र रोहिला मां भूमिका रोहिला दादा राजेंद्र रोहिला , जगन प्रताप सिंह रोहिला, लक्ष्य रोहिला, मनविंदर सिंह रोहिला वह परिवारजन ने मिठाई खिलाकर स्वागत किया और कुशाग्र की पहली पोस्टिंग 1890 रॉकेट रेजीमेंट नसीराबाद अजमेर हुई है कुशाग्र किशनगढ़ बास तहसील, खैरथल–तिजारा के पहले लेफ्टिनेंट बने हैं जिन्होंने अपनी तहसील और जिले का नाम रोशन किया है उन्होंने बचपन से ही भारतीय सेवा में रहकर भारत माता की सेवा करने का लक्ष्य रखा था


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