
IIMT विवि में खुले में नमाज, पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज, छात्र और 3 गार्ड निलंबित
@ARIN RALHI
उत्तर प्रदेश के मेरठ के गंगानगर स्थित आईआईएमटी विवि में खुले में नमाज पढ़ने के मामले में आखिरकार पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। मुकदमा कार्तिक हिन्दू नामक युवक की तहरीर पर दर्ज किया गया है। इसमें आरोपी खालिद मेवाती इंस्टाग्राम पेज खालिद प्रधान 302 के अलावा विवि प्रबन्धन को बनाया गया है। बता दे कि इस मामले में विवि प्रशासन द्वारा आरोपी छात्र खालिद मेवाती और तीन सुरक्षाकर्मियों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। मंगलवार को सोशल मीडिया पर खुले में नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद कुछ संगठन और महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद ने विरोध किया था। इसके बाद विवि प्रशासन और अब पुलिस द्वारा घटना के संबंध में मुकदमा दर्ज किया गया है।हिन्दू जागरण मंच के पूर्व महानगर अध्यक्ष सचिन सिरोही ने पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज किये जाने पर कहा कि आईआईएमटी विश्वविद्यालय मेरठ नमाज प्रकरण में पुलिस ने 72 घंटे बाद मुकदमा पंजीकृत कर लिया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में हमारे द्वारा बार-बार मेरठ पुलिस प्रशासन को इस प्रकरण में एक बड़े आंदोलन की चेतावनी दी जा रही थी। हिंदूवादी नेता सचिन सिरोही का कहना है की विश्वविद्यालय में इस तरह होली के त्यौहार पर जिस तरह लगातार आईआईएमटी विश्वविद्यालय में 50 60 युवकों द्वारा नमाज अदा की जा रही थी और उसके बाद उसे इंस्टाग्राम पेज और सोशल मीडिया के माध्यम से खुद ही नमाज अदा करके प्रसारित किया गया। यह एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से मेरी एवं सारे हिंदू संगठनों की यह मांग है कि इस प्रकरण में सम्मिलित सभी लोगों की गिरफ्तारी हो और जेल भेजा जाए। सचिन सिरोही ने कहा कि इस प्रकरण में सख्त कार्रवाई हो जिससे भविष्य में ऐसा उदाहरण मेरठ जिले के किसी स्कूल कॉलेज एवं विश्वविद्यालय में दोबारा देखने को ना मिले।बता दें कि खालिद मेवाती खालिद प्रधान 302 इंस्टाग्राम अकाउंट से वायरल सोशल मीडिया पर वायरल में 50 से अधिक छात्र खुले में नमाज पढ़ते दिखाई दे रहे हैं। जिसके बाद और भी वीडियो खुले में नमाज पढ़ते हुए वायरल हुईं। इस मामले में हिंदू जागरण मंच के पूर्व महानगर अध्यक्ष सचिन सिरोही ने पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी थी कि इस प्रकरण में कार्रवाई नहीं की जाती है तो बड़ा आंदोलन करेंगे। उनका कहना था कि किसी विवि में सभी धर्म के छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। ऐसे में खुले में नमाज अदा करना गलत है।