
निजी विद्यालयों के समक्ष आ रही निम्न समस्याओं के सम्बन्ध में दिया ज्ञापन
दिनांक 18:03:21 को निजी विद्यालयों ने दिया ज्ञापन
सेवा में,
माननीय मुख्यमंत्री महोदय, मार्फत श्रीमान जिला कलेक्टर महोदय/ कमीश्नर / उपखण्ड अधिकारी खाजूवाला
विषय:- निजी विद्यालयों के समक्ष आ रही निम्न समस्याओं के सम्बन्ध में।.
राजस्थान सरकार जयपुर। महोदय,
01. युनिट ससार में कॉस्ट बढ़ा कर भुगतान करने के संबंध में सभी वस्तुओं एवं सेवा की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है। जबकि गत 4 सत्रों से यूनिट कॉस्ट में वृद्धि नाई है। अतः युनिट कॉस्ट 23000 रु प्रति विद्यार्थी कर अतिशीघ्र शिक्षा सत्र 2024-25 का भुगतान किया जावे। की राशि सीधे बैंक करने का 02 खातों में भेजे जाने का .
2. पुस्तकों की राशि अभिभावकों के खाते में जमा करवाने के सम्बन्ध में शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 की निजी विद्यालयों द्वारा प्रतिवर्ष निःशल्क अध्ययनरत छात्रों को पुस्तकों का वितरण कर दिया जाता है जिसका भौतिक सत्यापन भी शिक्षा विभाग द्वारा गठित दल से करवा लिया गया है। इस स्थिति में सत्र 2024-25 में डीबीटी के माध्यम से छात्रों एवं अभिभावकों के बैंक खातों में पुस्तक शुल्क भेजे जाने का कोई औचित्य नहीं है। राज्य सरकार द्वारा दी गई पुस्तक शुल्क की राशि अभिभावकों द्वारा विद्यालय में जमा करवाई जायेगी। हमारा संगठन मानता है कि डीबीटी कार्य भी शुरू कर दिया गया। जबकि आपके आदेशों एवं अधिनियम के नियमों की पालना के तहत आदेश हुआ है और उसकी पालना में विद्यार्थियों के जनआधार को पोर्टल पर अपडेट केवल और केवल शिक्षा विभाग में वर्कलोड बढ़ाने का काम करेगा। क्योंकि राशि चाहे आप अभिभावकों को दो या फिर आदेश जारी कर सीधे विद्यालयों के बैंक खातो में सत्र 2024-25 में वो पैसे निजी विद्यालयों का ही है। जिसका भौतिक सत्यापन भी पालना में प्रवेशित एवं अध्ययनरत छात्रों की पुस्तक शुल्क किया जा चुका है। अतः हमारा संगठन मांग करता है कि सत्र 2024-25 के पुस्तक शुल्क की राशि का पुनर्भरण निजी विद्यालयों के बैंक खातों में ही किया जाये।
03. अपार आईडी के सम्बन्ध में :-अपार आईडी बनवाना है। अपार आईडी बनाते समय आधार कार्ड नहीं होने. आधार कार्ड में मिसमैच और अभिभावकों से सहमति लेने सहित प्रतिदिन रिर्पोट के माध्यम से निजी विद्यालय संचालकों को मानसिक तौर पर परेशान किया जा रहा है वो उचित नहीं या नहीं बनवाना स्वैच्छिक कार्य है। लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा जिस प्रकार से लक्ष्य निर्धारित कर विभिन्न प्रकार की परेशानियां विद्यालय संचालकों के समक्ष आ रही हैं। अतः आपसे अनुरोध किया जाता है विद्यालय संचालकों से प्रतिदिन रिर्पोट लेने मान्यता खत्म करने की धमकी देने और विद्यालय में व्याख्याताओं के दल भेजकर जांच करवाने की बजाय शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालयों में आधार कैम्प और अभिभावकों में जागरूकता अभियान चलाया जाये तो ज्यादा बेहतर परिणाम हासिल किये जा सकते हैं। हमारा संगठन वर्तमान में मान्यता खत्म करने प्रतिदिन अपार की रिर्पोट लेने शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा पीईओ और ब्लॉक स्तर पर मींटिग लेने तथा व्याख्याताओं के दल भेजकर औचक निरीक्षण करने का पुरजोर विरोध करता है। क्योंकि अपार आईडी विद्यार्थी की व्यक्तिगत शैक्षिक पहचान का दस्तावेज है जो अभिभावकों की सहमति पर निर्भर करता है। हमें पूर्ण आशा है कि आप उपरोक्त समस्याओं पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए समस्याओं का समाधान कर गैर सरकारी विद्यालयों को राहत प्रदान करवायेंगे। ज्ञापन देने में अध्यक्ष सुनील सिहाग के नेतृत्व में सांवलदान चारण, सुरेन्द्र गेदर, अनिल कसवां, प्रदीप भाम्भू, राकेश सुथार, जसकरण सिंह, चन्दन चौधरी, राजेश स्वामी, राहुल टाक, महावीर बिश्नोई, रिछपाल बिश्नोई, विनोद कसवां, पुनाराम , ओमप्रकाश, सुमित चौधरी, निहाल सिंह, देवेंद्र सिंह, उम्मेद शर्मा, दलीप कुमार, ताराचंद मेघवाल, चांदरत्न सांखला,श्रवण कुमार, शंकरलाल पुरोहित, दिलजीत सिंह, पृथ्वीराज गोदारा, प्रतीम सिंह, विनोद कुमार आदि स्कूल संचालक उपस्थित रहे।