
आदर्श उपाध्या को न्याय मिलना चाहिए
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इस ब्राह्मण परिवार को न्याय मिले दोषी लोग बर्खास्त हो उनको सजा मिले सभी भाइयों से अनुरोध की शेयर आवश्य करे जिससे की इस घटना की आवाज सत्ता में बैठे मां महंत योगी आदित्यनाथ जी महराज तक आवश्य पहुंचे जिन्होंने पुलिस को एकदम से निरंकुश छोड़ दिया है की वह कुछ भी कर सकती है।
उनका भी एनकाउंटर हो और 1 करोड़ रुपये का हर्जाना दो करोड़ रूपये मुआवजा इस पिडित परिवार को मिले
MYogiAdityanath सरकार जब अपने आठ साल पूरे होने का जश्न मना रही है और इसे 'सेवा, सुरक्षा और सुशासन दिवस' के रूप में प्रचारित कर रही है, ठीक उसी समय प्रदेश के बस्ती जिले में UP Police पुलिस की क्रूरता की एक भयावह तस्वीर सामने आई. आरोप है की बस्ती जिले के पुलिसकर्मियों ने मामूली विवाद के चलते एक नाबालिग युवक #आदर्श #उपाध्याय को हिरासत में लिया और उसे इस कदर कस्टडी मे लेकर मारा पिटा की खून की उल्टी होने लगी जिससे आनन फानन मे छोड़ दिया लेकिन अगले दिन उसकी मौत हो गई. पुलिसकर्मियों ने पीड़ित के परिजनों से कथित तौर पर 5000 रुपये की मांग की थी और जब परिवार ने पैसे नहीं दिए, तो थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया गया. यह मामला बस्ती जिले के दुबौलिया थाना क्षेत्र के उभाई गांव का है. यहां 17 वर्षीय आदर्श उपाध्याय सोमवार को गांव में स्थित एक दुकान से खैनी खरीदने गया था, जहां उसका कुछ लोगों से मामूली विवाद हो गया. इसी दौरान मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे पकड़ लिया और थाने ले गई. परिजनों के अनुसार, पुलिसकर्मियों ने पूरी रात नाबालिग पर थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया. अगले दिन सुबह भी उसे बेरहमी से पीटा गया, जिससे उसके मुंह से खून निकलने लगा.
जब आदर्श की तबीयत गंभीर रूप से बिगड़ गई, तो आरोपी पुलिसकर्मियों ने उसे घर के बाहर छोड़ दिया और वहां से भाग निकले. परिवार ने जब उसकी हालत देखी, तो उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया. जिला अस्पताल पहुंचने से पहले ही आदर्श की मौत हो गई. युवक की मौत के बाद उसके परिजनों और गांव वालों में भारी आक्रोश फैल गया. सैकड़ों की संख्या में लोग अस्पताल के बाहर जमा हो गए और पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने लगे. मृतक के परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने रिश्वत नहीं मिलने पर आदर्श को बेरहमी से पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई.
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे. स्थिति को संभालने के लिए कई थानों की पुलिस फोर्स और दो डीएसपी घटनास्थल पर आए
इस घटना ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं. विपक्षी दलों ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब सरकार अपनी उपलब्धियों का बखान कर रही थी, उसी दौरान बस्ती पुलिस ने उसकी 'सेवा, सुरक्षा और सुशासन' के दावों की पोल खोल दी. सुभासपा के विधायक दुधराम ने दो दिन पहले ही सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा था कि "जो काम पहले 500 में होता था, अब 5000 में हो रहा है." इस घटना ने उनके दावे को और मजबूती दे दी है. #यूपी पुलिस के बस्ती थाने की यह चाक चौबंद कानून व्यवस्था का उदाहरण है घटना! जनता के आक्रोश को देखते हुए दो सिपाहियों को तो लाइन हाज़िर कर दिया गया है।
लेकिन आदर्श तो चला गया, उसकी माँ के आँसू रूकने का नाम नहीं ले रहे
Police Commissionerate Lucknow इस मां के आँसू शायद ना दिख पाएँ आपको…क्योंकि आप लोग 8 साल बेमिसाल करने मे व्यस्त हैं शर्म करो Procell Basti...
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