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कपासन भाजपा नगरपालिका बोर्ड में विकास कार्यों की बंदरबाट कर पालिका राजस्व को लाखों रूपये का चुना लगाकर

28 मार्च कपासन। भाजपा नगरपालिका बोर्ड में विकास कार्यों की बंदरबाट कर पालिका राजस्व को लाखों रूपये का चुना लगाकर, बिना किसी डर के खुले तौर पर भ्रष्टाचार करने का नगर कांग्रेस कमेटी ने लगाया आरोप, उच्च अधिकारियों से कारवाई करने की गई मांग। वह टेंडर निरस्त कर फिर से पारदर्शिता से कराने की मांग की।

नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शंकर लाल प्रजापत ने कपासन नगरपालिका में भाजपा बोर्ड पर  खुले तौर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा की पालिका की और मार्च में नगर में 33 विकास कार्यों की लगभग साढ़े पांच करोड़ रूपये की ऑनलाइन निविदाएं निकाली गई थीं। ऑनलाइन निविदाओं की 27 मार्च को दोपहर 3.00 बजे तक डीडी वह दस्तावेज पालिका में जमा कराने अनिवार्य थे।

जिस पर चितौड़गढ़, भीलवाड़ा, छोटीसादड़ी, निंबाहेड़ा सहित स्थानीय ठेकेदार सुबह 11.00 बजे ही डीडी वह दस्तावेज जमा कराने पहुंच गए। लेकिन 3.00 बजे तक भी कोई सक्षम अधिकारी ने डीडीया प्राप्त नहीं की वह ठेकेदारों को गुमराह करते रहे।

अधिशाषी अधिकारी के छुट्टी पर थे। अधिशाषी अधिकारी ललित सिंह देथा से फोन पर वार्ता की तो उन्होंने कनिष्ठ अभियंता खेमराज गुर्जर को निविदाएं लेने की बात कही। कनिष्ठ अभियंता से बात करनी चाही तो उनका फोन बंद था वह दोपहर 3.00 बजे तक भी वह पालिका में नहीं पहुंचे जबकि वह कपासन में ही थे वह जानबूझकर नहीं आए।

बाद में ठेकेदारों ने भी हंगामा मचाया जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा हे! नगरपालिका में ऐसा सभी विकास कार्यों के दौरान देखने को मिला। चहतो को उपकृत करने वह कमीशन के चक्कर में अंदरखाने विकास कार्यों की बंदरबाट कर सरकारी राजस्व को लाखों रूपये का चुना लगा रहे हे वह अपनी जेबें भर पालिका को कर्ज में डूबो दिया हे। बिना किसी डर के इस प्रकार जिम्मेदार ही भ्रष्टाचार करने लगे तो जनता न्याय की माँग किससे करे।

नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शंकर लाल प्रजापत ने मामले की जांच की मांग उच्च अधिकारियों से की वह उक्त निविदाओं को निरस्त कर दुबारा से पारदर्शिता से संपन्न कराए जाय ताकि जनता में विश्वास कायम रह सके। साथ ही कहा कि अगर पारदर्शिता से दुबारा नहीं कराए जाते हे तो कांग्रेस की और विरोध प्रदर्शन किया जायेगा।

सबसे बड़ी बात यह कि जब नियत समय दोपहर 3.00 बजे तक भी पालिका में कोई सक्षम अधिकारी डीडीया लेने मोजूद नहीं था फिर भी अंदर खाने उक्त निविदा के टेंडर हो जाते हे तो यह साफ जाहिर हो जाएगा कि खुले तौर पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।

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