महाराणा प्रताप सेना 10 अप्रैल को सपा सांसद रामजी लाल सुमन जी के खिलाफ आंदोलन करेगी। डॉ.राजवर्धन सिंह परमार, महाराणा प्रताप सेना
सेना प्रमुख ने कहा कि राणा सांगा को महाराणा संग्राम सिंह के नाम से भी जाना जाता है. वह महाराणा प्रताप के दादा जी थे. 1508 में उन्होंने मेवाड़ की गद्दी मात्र 27 साल की उम्र में संभाली. सिर्फ एक हाथ और एक आंख होने के बावजूद उनकी बहादुरी में कोई कमी नहीं थी।बाबर को बयाना के युद्ध में उन्होंने हरा दिया था.बाबर को किसने बुलाया- संसद में राणा सांगा पर सपा सांसद रामजी लाल सुमन के दिए गए एक बयान ने राजनीति में हलचल मच गई है. इसमें राणा सांगा पर आरोप लगाया गया है कि वो बाबर को भारत लेकर आए थे. जबकि इस बात को लेकर इतिहासकार ही दो खेमों में बंटे हैं. इतिहास के पन्नों को खंगालें तो पता चलता है कि राणा सांगा महान योद्धा थे. वो मेवाड़ के शासक महाराणा रायमल के बेटे थे. राणा सांगा तीन भाई थे. महाराणा रायमल ने ही उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था. 1508 में वो मेवाड़ की सत्ता पर बैठे. उन्होंने 100 से अधिक लड़ाईयां लड़ी और जीत हासिल की. इन युद्धों के कारण ही उनके शरीर पर 80 से अधिक घाव थे.अब सवाल ये उठता है कि राणा सांगा पर सपा सांसद के द्वारा संसद में इस तरह की बयान बाजी करना क्या उचित है? सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने कहा कि राणा सांगा जी के सम्मान में महाराणा प्रताप सेना पुरे भारत में आंदोलन करेगी। जबतक की सपा सांसद रामजी लाल सुमन जी माफी नहीं मांग लेते। तब तक महाराणा प्रताप सेना आंदोलन करते रहेगी।आंदोलन के दौरान उनके विरुद्ध नारेबाजी होगी और पुतले भी फुंके जायेंगे। देश के हिरो का उन्होंने अपमान किया है। देश के 140 करोड़ हिंदुस्तानियों के महानायक का अपमान किया है। महाराणा प्रताप सेना चुपचाप नहीं बैठेगी। उनका विरोध प्रदर्शन करती रहेगी।- डॉ. राजवर्धन सिंह परमार, संस्थापक व राष्ट्रीय,महाराणा प्रताप सेना