
नवरात्रि के पांचवे दिन- करे स्कंदमाता को प्रसन्न, पारिवारिक जीवन में आएंगी खुशियां -पण्डित अंशु देवगण
चैत्र नवरात्र का पांचवा दिन 2 अप्रैल 2025 को है। इस दिन मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप, यानि मां स्कंदमाता की पूजा का विधान है। देवताओं के सेनापति कहे जाने वाले स्कन्द कुमार, यानि कार्तिकेय जी की माता होने के कारण ही देवी मां को स्कंदमाता कहा जाता है। इनके विग्रह में स्कन्द जी बालरूप में माता की गोद में बैठे हैं। माता का रंग पूर्णतः सफेद है और ये कमल के पुष्प पर विराजित रहती हैं, जिसके कारण इन्हें पद्मासना भी कहा जाता है। देवी मां की चार भुजायें हैं। ऊपर की दाहिनी भुजा में ये अपने पुत्र स्कन्द को पकड़े हुए हैं और इनके निचले दाहिने हाथ तथा एक बाएं हाथ में कमल का फूल है, जबकि माता का दूसरा बायां हाथ अभय मुद्रा में रहता है। माना जाता है कि देवी मां अपने भक्तों पर ठीक उसी प्रकार कृपा बनाये रखती हैं, जिस प्रकार एक मां अपने बच्चों पर बनाकर रखती हैं।
देवी मां अपने भक्तों को सुख-शांति और समृद्धि प्रदान करती हैं। साथ ही स्कंदमाता हमें सिखाती हैं कि हमारा जीवन एक संग्राम है और हम स्वयं अपने सेनापति। अतः देवी मां से हमें सैन्य संचालन की प्रेरणा भी मिलती है। इसके अलावा आपको बता दूं कि स्कन्दमाता की उपासना व्यक्ति को परेशानियों से छुटकारा दिलाने में भी मदद करती हैं। अतः अगर आपका बिजनेस ठीक से नहीं चल रहा है, आपको व्यापार में मुनाफा नहीं मिल पा रहा है, तो आज नवरात्र के पांचवें दिन आपको स्कन्दमाता की पूजा करके अवश्य ही लाभ उठाना चाहिए। साथ ही देवी माता के कुछ ऐसे मंत्र भी हैं जिनका जप करके आप जीवन में सुख-समृद्धि और हर प्रकार का लाभ पा सकते हैं।