
फैक्ट्री प्रदूषण पर ग्रामीणों का विरोध कलेक्टर को सोपा ज्ञापन
सूरतगढ़ के गांव भोपालपुरा में लगी इथेनॉल की फैक्ट्री के कारण हो रहे वायु प्रदूषण से लोगों को हो रही है सांस लेने में प्रॉब्लम सुबह जब उठते हैं तब राखी की मिलती है घर पर जमी हुई परते आने जाने वाले बच्चे बुजुर्ग सभी को आंखों में जलन होना सांस में प्रॉब्लम होना उल्टी जी मिचलाना घबराहट बेहोशी आदि का सामना करना पड़ रहा है 10km तक वायु प्रदूषण का प्रभाव देखने को मिल रहा है 1 अप्रैल को कलेक्टर को दिया ज्ञापन समस्या का समाधान करने के लिए गांव के लोग रमेश कुमार ज्याणी, दौलता राम जाट राजाराम कड़वासरा, कानाराम नाई, राजाराम डेलू ,सादुल कड़वासरा, सांवक, गोदारा आदि मौजूद रहे इथेनॉल फैक्ट्री से होने वाले नुकसानइथेनॉल के वाष्प को सूंघने से आंखों, त्वचा और श्वसन पथ में जलन, समन्वय की हानि, नींद आना, और बेहोशी जैसे नुकसान हो सकते हैं, साथ ही सिरदर्द, थकान और एकाग्रता में कमी भी हो सकती है। खांसी और/या सांस लेने में तकलीफ़ हो सकती है। एथिल अल्कोहल के संपर्क में आने से सिरदर्द, उनींदापन, मतली और उल्टी और बेहोशी हो सकती है। यह एकाग्रता और दृष्टि को भी प्रभावित कर सकता है।इथेनॉल कुपोषण का कारण बन सकता है, और यकृत चयापचय और प्रतिरक्षात्मक कार्यों में इसके हस्तक्षेप के कारण प्रत्यक्ष विषैला प्रभाव डाल सकता है । शराब और विभिन्न कैंसर के बीच एक कारणात्मक प्रभाव देखा गया है। इथेनॉल का प्रयोग मेडिसिन बनाने शराब में खिलौने बनाने पॉलिथीन बनाने जैवलिन सील होने के कारण पेट्रोलियम पदार्थ और
इथेनॉल सभी प्रकार के मादक पेय पदार्थों में पाया जाता है, जैसे कि शराब, विस्की, ब्रांडी, रम, जिन और बॉडका. में इसके इस्तेमाल किया जाता है और बहुत से प्रोडक्ट तैयार करने के काम में लिया जाता है