
ग्राम पंचायत में बजट ना होने पर ग्रामीण व्यापारी जन पर 150रु माहीन के टैक्स के रूप में लेया जाएगा
ग्रामीण व्यापारी जन आक्रोशित है जो वर्तमान व्यवस्था का विरोध करती है जो उचित भी है और मांग करती है कि इस टैक्स को तुरंट हटा दिया जाए और व्यवस्था पूर्व जैसी चलती थी उसी तरह चलाया जाए
कर्मचारियों को नियमित कूड़ा उठाने के लिए निर्देशित किया जाये |
शहर में नियमित सफाई व्यवस्था व कूड़े का उठान न होने के कारण जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए है। कूड़े का उठान न होने के कारण उसके आसपास बेसहारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है। जिसके कारण ग्राम वासियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में लगे कूड़े के ढेर लचर सफाई व्यवस्था की पोल खोल रहे है।
जगह-जगह लगे कूड़े के ढेरों को देखा जा सकता है जिस कारण यहां से गुजरने वाले राहगीरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यह मुख्य मार्ग होने से इस मार्ग पर हर समय लोगों की आवाजाही बनी रहती है, लेकिन सफाई व्यवस्था सही नहीं होने के कारण यहां लगे गंदगी के ढेर से आने वाली दुर्गध के कारण लोगों को मुंह ढककर यहां से गुजरना पड़ता है। गंदगी के ढेर से आने वाली दुर्गंध क्षेत्र के वातावरण को दुर्गंधयुक्त बना रही है। वहीं कई स्थानों पर तेज हवा के कारण कूड़े के ढेर में से कचरा दुकानों के अंदर तक फैल रहा जिसके कारण दुकानदारों को भी परेशानी से जूझना पड़ रहा है| में रामलीला मंचन स्थल से थोड़े दूर भी केड़े का ढेर हर समय लगा रहता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार के अधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।
ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव का कहना है कि ग्राम पंचायत में सफाई के लिए ग्रामीण जन कोई टैक्स नहीं देते ग्राम पंचायत में बजट ना होने पर ग्रामीण व्यापारी जन पर 150रु माहीन के टैक्स के रूप में लेया जाएगा
ग्रामीण व्यापारी जन आक्रोशित है जो वर्तमान व्यवस्था का विरोध करती है जो उचित भी है और मांग करती है कि इस टैक्स को तुरंट हटा दिया जाए और व्यवस्था पूर्व जैसी चलती थी उसी तरह चलाया जाए
कर्मचारियों को नियमित कूड़ा उठाने के लिए निर्देशित किया जाये |