आज कल मुम्बई में अनेक जगह ऐसी घटनाएं घटित हो रही हैं। जिसमें मराठी नहीं बोल पाने वाले लोगों पर मनसे कार्यकर्ताओं ने दुर्व्यवहार किया है।
अगर इसी तरह होता रहा तो राष्ट्र भाषा हिंदी के अपमान के साथ, अन्य भाषाओं का भी अपमान है,कल को अगर बंगाली लोग भी यही कहने लगे या उड़ीसा कर्नाटक कहीं के भी क्षेत्रीय लोग कहने लगे कि आप हमारी भाषा बोलने के लिए बाध्य हैं फिर क्या होगा। इस प्रकार की बातों पर तुरंत रोक लगाने की अत्यंत आवश्यकता है।।।